प्रेरणादायक : राष्ट्रसंत के वचनानुसार अमरावती में अनोखा विवाह
अमरावती / दि. 26-भागदौड़ भरे युग में तय समय पर शादी करते-करते कई लोग थक जाते हैं. लेकिन जब यहां के एक सेवानिवृत्त अभियंता बाबा भाकरे ने अपनी बेटी की शादी की योजना और विवाह प्रमाण पत्र देखने पर संदेह करने का कोई कारण नहीं रहा. उन्होंने विवाह समारोह में सभी प्रकार के तामझाम को छोडकर राजर्षि शाहू महाराज के जयंती अवसर पर अपनी बेटी का विवाह तय किया. दूल्हा-दुल्हन दोनों उच्च शिक्षित हैं. राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज द्वारा कहे गए वचन के अनुसार बाबा भाकरे ने अपनी बेटी का विवाह तय किया. इसलिए यह चर्चा का विषय बन गया है. अमरावती के चित्रलेखा बाबा भाकरे की सुकन्या कल्याणी का विवाह कांचनताई राधेश्याम सावरकर के बेटे आदित्य से तय हुआ है. आदित्य और कल्याणी दोनों उच्च शिक्षित हैं. महापुरुषों द्वारा दिए गए सामाजिक समानता के संदेश को ध्यान में रखते हुए वर-वधू ने परिवार की अनुमति से छत्रपति शाहू महाराज की जयंती पर ही अपनी शादी तय की. राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज द्वारा ग्राम गीता में लिखी गई पंक्तियों से विवाह पत्रिका की शुरुआत की गई. पत्रिका पर महापुरूषों की तस्वीर लगाई. इसके लिए वरपक्ष की तरफ से भी सकारात्मक प्रतिसाद मिला. बारातियों से स्वागत से लेकर विवाह समारोह संपन्न कराने तक रिवाजों निभाने के साथ अन्य लोगों को संदेश देने का प्रयास किया गया. इस प्रकार बेटी के विवाह का नियोजन, वधू-वर पक्ष ने ली भूमिका और पहल चर्चा का विषय बना है.