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* कर्ज वितरण भी रोका
यवतमाल/दि. 28– एड. गुणरत्न सदावर्ते के नेतृत्व में एक तरफा सत्ता प्राप्त करने वाले एसटी बैंक संचालकों में केवल पांच माह में भारी अस्थिरता निर्माण हो गई है. इस बैंक का कर्ज वितरण रोक दिया गया है. वर्तमान पदाधिकारियों में अनेक मुद्दों पर से संभ्रम रहने से मार्ग निकालने की तरफ हजारों सभासदों का ध्यान केंद्रीत है. ऐसे में बैंक के कुछ संचालक ‘नॉट रिचेबल’ रहने से प्रकरण बढने की संभावना है.
राज्य में 62 हजार सभासद और 50 शाखा वाले स्टेट ट्रांसपोर्ट को-ऑप. बैंक में लंबे समय बाद पांच माह पूर्व सत्ता परिवर्तन हुआ. पहले कामगार संगठना संचालक मंडल था. पांच माह पूर्व एड. सदावर्ते के नेतृत्व में कष्टकरी जनसंघ ने एकतरफा जीत हासिल की. पैनल के सभी 19 संचालक निर्वाचित हुए. लेकिन पिछले कुछ दिनों में इस संचालक मंडल व्दारा लिए गए निर्णय विवादों में आ गए हैं. बैंक ने कर्ज का ब्याज कम किया, कुछ प्रकरणों में बिना गारंटी कर्ज वितरण हुआ. इसके आलावा कर्ज का बीमा उतारने का भी निर्णय लिया गया. इन सभी निर्णयों के कारण नए संचालकों का कामकाज विवादों का साबित हो रहा है. एड. सदावर्ते के मार्गदर्शन में ही बैंक चलाए जाने का आरोप है. अपने पसंदीदा लोगों को नियुक्ति देने का प्रकार शुरु है. यह बात खुद संचालकों को खटकने से उनमें निराशा दिखाई दे रही है. बैंक के कुछ संचालक पिछले चार दिन से संपर्क क्षेत्र से बाहर है. उन्होंने अवकाश के आवेदन किए है. उनसे संपर्क भी नहीं हो पा रहा है. इस कारण इन संचालकों का विचार क्या है इस बाबत चर्चा होने लगी है. इस बैंक पर यवतमाल और अमरावती विभाग से रहे दोनों संचालक संपर्क क्षेत्र से बाहर है. उनके साथ अन्य कोई संचालक का मंसूबा क्या है यह पता नहीं चल पाया है. यह सब घटनाक्रम शुरु रहते बैंक की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है.
* 466 करोड के डिपॉजिट हुए कम
एसटी बैंक पर नया संचालक मंडल अस्तित्व में आने के बाद 466 करोड रुपए के डिपॉजिट कम हुए है. 30 जून 2023 के पूर्व 2311 करोड रुपए के डिपॉजिट थे. अब वह 1845 करोड पर पहुंच गए हैं. बैंक व्दारा डिपॉजिट से अधिक कर्ज का वितरण किया रहने से सीडी रेशो 95.49 प्रतिशत पर पहुंच गया है अथवा 100 रुपए के डिपॉजिट से 75 रुपए ही कर्ज वितरण किया जा सकता है. यह मर्यादा बैंक ने पार की रहने से रेशो बढने की जानकारी सूत्रों ने दी.
* कार्य प्रणाली पर सभासदों का रोष
बैंक की कार्यप्रणाली पर सभासदों का रोष है. कुछ संचालकों में भी निराशा है. यब बात बैंक की दृष्टि से चिंताजनक है. नियमबाह्य तरीके से हो रहे काम रोकने चाहिए.
– श्रीरंग बरगे,
महासचिव, महाराष्ट्र एसटी कर्मचारी कांग्रेस
* सभासदों के हित के निर्णय लिए जाएंगे
बैंक सभासदों के हित के निर्णय लिए जाएंगे. संचालकों में कोई भी नाराजगी नहीं है. व्यक्तिगत कारणों से वे उपलब्ध नहीं हो पाए है. बैंक का कामकाज अच्छी तरह से चलने के लिए अनुभवी लोगों का सहयोग अपेक्षित है.
– मनोज महल्ले,
विभागीय अध्यक्ष, कष्टकरी जनसंघ, यवतमाल