अमरावती

सिंधी चौक पर अमर शहीद हेमु कलानी का पुतला स्थापित करे

पूर्व पार्षद भूषण बनसोड की जिलाधीश से मांग

अमरावती/ दि.22– देश की आजादी की लडाई में केवल 20 वर्ष की आयु में अपने प्राणो की आहुति देने वाले सिंधी समाज के गौरव व देश के सुपूत्र अमर शहीद हेमु कलानी का पुतला रामलखन संकुल सिंधी चौक पर स्थापित किया जाए, इस आशय की मांग को लेकर पूर्व पार्षद भूषण बनसोड ने जिलाधिकारी व निगमायुक्त को ज्ञापन सौंपा.
सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने कहा कि अमर शहीद हेमु कलानी का पुतला हम खुद के खर्चे से स्थापित करेंगे. शासन पर किसी भी तरह का बोझ नहीं आने देंगे. उन्होंने कहा कि हेमु कलानी का जन्म शताब्दी वर्ष है. उनका जन्म 23 मार्च 1923 को खाकसा गांव में अखंड भारत के समय हुआ. उम्र के 7 वें वर्ष से ही उनका समाजसेवा व देश सेवा की ओर रुझान था. इसलिए उन्होंने आजादी की लडाई में सक्रीयता के साथ अपने आप को झोंक दिया था. आंदोलन के समय भारतीय आंदोलकों को मारने के उद्देश्य से अंग्रेजों की गोला बारुद से भरी रेलगाडी जा रही है, ऐसी जानकारी मिलते ही हेमु कलानी ने रेलगाडी गिराने के उद्देश्य से रेल पटरी उखाडने का काम अपने सहयोगी के साथ कर रहे थे. यह बात अंग्रेजों के समझ में आयी तब हेमु कलानी ने अपने साथियों को वहां से भगाया और खुद अंग्रेजों के शिकंजे में फंस गए.
अंग्रेजों ने उन्हें कैद में रखा. काफी जुल्म किये. परंतु हेमु कलानी ने अपने साथियों के नाम नहीं बताये. इधर बाहर आंदोलनकर्ता हेमु कलानी को बाहर निकालने के लिए आंदोलन कर रहे थे. आंदोलन तेज होता देख अंगे्रजों ने 21 जनवरी 1943 को उन्हें फांसी की सजा सुनाई और उन्होंने हसते हसते फांसी के फंदे पर झुल गए. शहीदों की सूची में उन्होंने अपना नाम दर्ज कराते हुए सिंधी समाज का सिर गर्व से उंचा किया.
हेमु कलानी शहीद होने के बाद तत्कालीन कांग्रेस नेता व पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु से उनके घर जाकर परिवार से मुलाकात करते हुए सांत्वना दी. इसी तरह नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भी उनके परिवार से मिलकर सांत्वना दी. इसी तरह दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1983 में उनके नाम से डाक टिकट जारी कर उन्हें सम्मानित किया. देश के संसद भवन में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. उन्होंने संसद में उनका तैलचित्र लगावाया, ऐसे वीर शहीद सिंधी गौरव हेमु कलानी का यह जन्म शताब्दी वर्ष है, इस वजह से उनका पुतला रामलखन संकुल, सिंधी चौक पर स्थापित किया जाए. जिससे युवा पीढि को उनका आदर्श मिलेगा. इस आशय का ज्ञापन देते समय पूर्व पार्षद भूषण बनसोड के साथ प्रदीप खंडारे, भिमराव उगले, अमित कुलकर्णी, प्रदीप रामभाउ खंडारे, अजय वानखडे, प्रमोद खंडारे, अंकुश खंडारे, दिपक इंगले आदि उपस्थित थे.

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