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घटने की बजाय बढ गया है शहर पुलिस पर काम का बोझ

एनआईए को सहयोग करने के साथ ही कोल्हे हत्याकांड से जुडे अन्य पहलुओं की चल रही जांच

* लोगों को फोन पर धमकानेवालों की हो रही शिनाख्त व पूछताछ
* अब तक धमकी देनेवाले 55 लोगों के बयान दर्ज किये जा चुके
अमरावती/दि.7– अमरावती शहर व जिले सहित समूचे राज्य व देश में सनसनी मचा देनेवाले उमेश कोल्हे हत्याकांडवाले मामले की जांच अब एनआईए को सौंप दी गई है. ऐसे में यह आम धारणा बन रही है कि, अमरावती शहर पुलिस के सिर से काम का बोझ कम हो गया है. लेकिन हकीकत इससे पूरी तरह अलग है, क्योेंकि अमरावती शहर पुलिस पर अब काम का बोझ पहले की तुलना में दोगुना अधिक बढ गया है. क्योंकि अमरावती शहर पुलिस को एक ओर तो उमेश कोल्हे हत्याकांडवाले मामले की जांच में एनआईए के दल के साथ साये की तरह पूरा समय मौजूद रहना पड रहा है. वहीं भाजपा नेत्री नुपूर शर्मा का सोशल मीडिया पर समर्थन किये जाने के चलते जिन-जिन लोगों को धमकीभरे फोन कॉल आये है, उन सभी मामलों की जांच शहर पुलिस को ही करनी पड रही है.
बता दें कि, अमरावती शहर के ख्यातनाम व वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. श्रीगोपाल राठी तथा दो मोबाईल संचालकों सहित अन्य कुछ लोगों को नुपूर शर्मा का समर्थन किये जाने के चलते दर्जनों धमकी भरे फोन कॉल आये थे. जिनमें उन्हें जान से मार देने की धमकी देते हुए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने के लिए दबाव डाला गया था. उमेश कोल्हे हत्याकांडवाली घटना उजागर होने के साथ ही ऐसे कई धमकी भरे फोन कॉल की ऑडिओ क्लिप नैशनल मीडिया सहित सोशल मीडिया पर वायरल होनी शुरू हो गई. जिसके बाद अमरावती शहर पुलिस की साईबर शाखा ने जिन-जिन मोबाईल नंबरों से धमकी भरे फोन कॉल आये थे, उन सभी मोबाईल धारकों को ट्रेस किया. साथ ही सिटी कोतवाली पुलिस व अपराध शाखा ने ऐसे सभी लोगों के घरों पर दबीश देने के साथ-साथ उन्हें पूछताछ एवं बयान के लिए कोतवाली थाने बुलाना शुरू किया. पता चला है कि, डॉ. श्रीगोपाल राठी को करीब 32 से 35 नंबरों से धमकी भरे फोन कॉल आये थे. वहीं एक मोबाईल शॉपी संचालक को भी लगभग 20 नंबरों से कॉल करते हुए धमकाया गया था. इन सभी मोबाईल नंबरों को ‘ट्रेस आउट’ करते हुए शहर पुलिस ने करीब 55 लोगोें को चिन्हीत किया. जिन्हें पूछताछ के लिए एसीपी ऑफिस में बुलाया गया और बयान दर्ज करने के साथ ही प्रतिबंधक धाराओं के तहत समझपत्र देते हुए जाने दिया गया.
उल्लेखनीय है कि, विगत सप्ताह शुक्रवार को एनआईए का दल अमरावती पहुंचने से पहले ही सिटी कोतवाली पुलिस कोल्हे हत्याकांड में लिप्त रहनेवाले सात आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी थी. जिनमें इस हत्याकांड की जमीन तैयार करनेवाले डॉ. युसुफ खान तथा हत्याकांड की साजीश रचनेवाले शेख इरफान का भी समावेश था. साथ ही विगत शनिवार को ही शहर पुलिस ने इस हत्याकांड के पीछे रहनेवाली वजह का भी खुलासा कर दिया था. वही इसके बाद हरकत में आयी एनआईए की टीम को भी कोतवाली पुलिस सहित आयुक्तालय की अपराध शाखा द्वारा हर कदम पर साथ दिया जा रहा है. ज्ञात रहे कि, एनआईए की टीम में शामिल ज्यादातर अधिकारी व कर्मचारी अमरावती शहर की भौगोलिक संरचना से अनजान है. ऐसे में किस आरोपी व किस संदिग्ध का घर कहां है, यह बताने और वहां तक एनआईए के अधिकारियों को ले जाने का पूरा जिम्मा शहर पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा संभाला गया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, शहर पुलिस पर इस समय दोहरे काम की जिम्मेदारियां है.

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