अमरावती

शेयर बाजार के उतार-चढाव से डरने की बजाए उसका सामना करें

अमरावती म्युचुअल फंड डिस्टिब्युटर एसो. का उपक्रम

  • जिगर पारेख ने निवेशकों का मार्गदर्शन किया

अमरावती/दि.9 – म्युचुअल फंड में निवेश के लिए निवेशकों को डर से दूर रहना होगा. म्युचुअल फंड में निवेश का लाभ लेना है तो, डिसिप्लिन, कंस्लेंसी और एडवाइज का विटामिन लेना जरुरी है तभी हम लंबे समय तक निवेश पर सही लाभ प्राप्त कर सकते है. शेयर बाजार में आने वाले उतार-चढाव से डरने की बजाए उनका डटकर सामाना करेंगे तो भविष्य उज्जवल होगा ऐसा सुझाव ईडीजीई के संस्थापक जिगर पारेख ने दिया.
स्थानीय कैम्प परिसर स्थित होटल मैफलिन में म्युचुअल फंड डिस्टिब्युटर व्दारा मार्गदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में अहमदाबाद से पधारे जिगर पारेख ने निवेशकों के पांच गलतियां और उसे सुधारने का उपाय विषय पर मार्गदर्शन किया. उन्होंने कहा कि, कम निवेशक कई बार सामान्य सी गलतियां करते है. जिसके कारण हमें बडा नुकसान सहना पडता है निवेशक हमेशा यह पांच गलतियां बार-बार दोहराता है. जिनमें से एक हेडलाइन इंवेस्टिंग है. जिसमें हम शोशल मिडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रिंट मीडिया के माध्यम से शेयर बाजार में होने वाली हलचलों को जानने की कोशिश करते है, लेकिन कई बार इन मीडियांओं के माध्यम से बताई जाने वाली कई जानकारी हमें विचलित कर सकती है. इसलिए अखबारों की सुरर्खीयां तो पढे लेकिन उन पर अमल करने की कोशीश न करें.
वर्ष 2018 में जब शेयर बाजार 21 हजार तक पहुंचा था तब खबरों के अनुसार बाजार में उछाल की अपेक्षा जताई जा रही थी. लेकिन अगले कुछ दिनों में खबरोें के विपरित हुआ व शेयर बाजार लुढक गया. दूसरी गलती है थर्ड इंवेस्टिंग इसका मतलब है कि, हम भेड चाल का हिस्सा बनकर निवेश का प्रयास करते है और यही गलती निवेशकोंं को भारी पडती है. म्युचुअल फंड में सोच समझकर निवेश करना चाहिए. भेड चाल का हिस्सा न बने, मार्केटिंग टाइमिंग यह निवेशकों की तीसरी गलती है. हम म्युचुअल फंड में निवेश करते समय शेयर बाजार के उतार-चढाव पर नजर नहीं डालते आज भले ही जिस म्युचुअल फंड कंपनी के शेयर उछाल लेते नजर आते हो अब लेकिन ऐसा होगा यह कहना मुश्किल है. कई बार हम जिस म्युचुअल फंड में निवेश करते है और उस कंपनी के शेयर डाउन होने लगे तो हम निवेश किया हुआ पैसा निकालने की कोशीश करते है. लेकिन ऐसी घटनाओं पर रिएक्ट करने की बजाए कुछ समय संयम बरतना जरुरी होता है जो हम नहीं करते.
चौथी गलती है पेसिंग पैनिक बटन इसमें हमारा संयम खो रहा होता है और डर हम पर हावी होता है जिसके कारण हम निवेश किए हुए पैसे लांग टर्न की बजाए कम से कम समय तक निवेश कर म्युचुअल फंड का लाभ लेने की कोशिश करते है. जिसका हमें नुकसान सहना पडता है. पांचवी गलती है, चयनिंग लेैंथ कई बार म्युचुअल फंड स्कीम लांग टर्म की होती है. लेकिन शेयर बाजार के उतार-चढाव के कारण हम उसे बीच में रोककर निवेश किए हुए पैसे निकालने की कोशिश करते है. ऐसे में योजना के लांग टर्म लॉस से हम वंचित रह जाते है. अगर म्युचुअल फंड में निवेश के साथ उचित मार्गदर्शन को अपनाए तो हम सफल हो सकते है ऐसा प्रतिपादन पारेख ने किया. कार्यक्रम में आईसीआई बैंक के क्लस्टर हेड योगेश प्रभु, अर्जुन जगताप, म्युचुअल फंड डिस्टिब्युटर एसो. के समन्वयक महेश गट्टानी, शबीरभाई रंगवाले, सायली वैद्य, अर्चना बारब्धे, संतोष मेहरे, मनीष डाफे, दर्शन जांघवीया, सुनील चितडे, रंजनीकांत जाजू, सुशील जैन, कैलाश जोशी, अमित चांडक, अनिल बेंबला, राजेश मित्तल, राजेश शर्मा, अमेय वैद्य, ऋषभ चांडक, गंगू राठी, शरद गांधी, भरत मालानी, श्रीकृष्ण पतिंगे, वरुण जाजू, हेमंत कुलकर्णी, विनोद कोष्टी, सोहेल तापड, पंकज वरुडकर, मनीष शादी, समीर दलवी, निखिल टावरी, यश भुतडा, आरती मालानी आदि उपस्थित थे.

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