अमरावतीमहाराष्ट्र

पाठ्यक्रम में मनुस्मृति के श्लोक की बजाए संविधान की प्रस्तावना पढाएं

पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर का कथन

अमरावती/दि.29– एकतरफ जहां पाठ्यक्रम में मनुस्मृति के एक श्लोक को शामिल करने को लेकर बहस चल रही है, वहीं राज्य की पूर्व महिला एवं बालविकास मंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने कहा कि, पाठ्यक्रम में मनुस्मृति के श्लोक की जगह संविधान की प्रस्तावना लाई जानी चाहिए.

विधायक यशोमति ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि, मनुस्मृति का यदि एक श्लोक भी शालेय पाठ्यक्रम में लिया जाता है तो इस माध्यम से धीरे-धीरे फिर एक बार मनुस्मृति पर आधारित शिक्षण व्यवस्था लाने का षडयंत्र सरकार द्वारा रचा जा रहा है. उन्होंने कहा कि, समाज में जातिभेद और छुआछूत को प्रोत्साहन देने और महिलाओं को तुच्छ समझने की अवधारणा को बल देनेवाली मनुस्मृति ग्रंथ की भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने स्वयं होली जलाई थी. विधायक यशोमति ठाकुर ने सवाल उठाते हुए कहा कि, इसी मनुस्मृति से श्लोक लेकर उसे पाठ्यक्रम में शामिल करने के पीछे सरकार की क्या मानसिकता है और आगामी समय में सरकार क्या करना चाहती है? क्या मनुवादी सरकार इस देश में फिर से चार वर्णीय व्यवस्था शुरु करना चाहती? यशोमति ठाकुर ने मांग करते हुए कहा कि, देश और राज्य में सर्वधर्म समभाव और समानता सिखाने व नागरिकों को उसके मूल अधिकार दिलवाने वाले संविधान की जरुरत है. इसके चलते पाठ्यक्रम में इन्सान को इन्सानियत सिखानेवाले संविधान की प्रस्तावना को पढाए जाने की जरुरत है.

Related Articles

Back to top button