ओबीसी आरक्षण को लेकर राज्य सरकार को दिया जाये निर्देश
बसपा गुट नेता चेतन पवार का राज्यपाल के नाम निवेदन
अमरावती/दि.22- सुप्रीम कोर्ट द्वारा विगत 15 दिसंबर को महाराष्ट्र सरकार के अध्यादेश पर स्थगिती कायम रखे जाने के चलते राज्य में ओबीसी संवर्ग का राजनीतिक आरक्षण संकट में आ गया. क्योंकि महाराष्ट्र सरकार द्वारा अदालत में प्रभावी तौर पर ओबीसी आरक्षण को लेकर पक्ष नहीं रखा जा सका. ऐसे में जब तक ओबीसी आरक्षण का मसला हल नहीं होता, तब तक राज्य में स्थानीय निकाय के आरक्षण को स्थगित रखा जाये. साथ ही इसे लेकर राज्य सरकार को आवश्यक दिशानिर्देश दिये जाये. इस आशय की मांग मनपा के बसपा गुट नेता चेतन पवार द्वारा राज्यपाल के नाम जिलाधीश को सौंपे ज्ञापन में की गई है.
इस ज्ञापन में बसपा गुट नेता चेतन पवार द्वारा कहा गया कि, राज्य पिछडावर्गीय आयोग को अभी से राज्य में ओबीसी समाज का इम्पिरिकल डेटा संकलित करने हेतु निर्देश दिया जाना चाहिए और इस कार्य हेतु राज्य सरकार द्वारा पिछडावर्गीय आयोग को पर्याप्त निधी भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए. साथ ही जब तक यह काम पूरा नहीं होता, तब तक राज्य में स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनावों को स्थगित रखा जाना चाहिए.
ज्ञापन सौंपते समय बसपा के प्रमोद मेश्राम, रामभाउ पाटील, रामदास कुरवाडे, जंगी जादू संकत, देवेंद्र कांबले, राजकुमार मंडपे, राजदीप मंडपे, गौरव बोरकर, प्रमोद वाघमारे, किरण शहारे, भिमराव गणवीर, विनय पहालण, अक्षय माटे, जयचंद शेंडे, मधुकर तायडे, सतीश वासनिक, रवि मेश्राम, गुलाबराव चव्हाण, देविदास मेश्राम, धरम रामटेके, ब्रम्हानंद चवरे, एड. प्रभाकर वानखडे आदि उपस्थित थे.