जिले के नवनिर्वाचित सरपंचों के समक्ष गहन समस्या
राजनीतिक दल ठोक रहे अपना दावा, अधिकांश स्थानों पर संभ्रम की स्थिति
अमरावती / दि.२२- जिले की २५७ ग्रामपंचायत के नतीजे मंगलवार को घोषित हुए. सभी राजनीतिक दल ने सरपंच हमारे ही है, यह दावा किया है. जबकि वास्तव में अनेक सरपंचों के समक्ष कौनसा झंडा हाथ में लें? यह स्थिति निर्माण हुई है. जिले की १४ तहसीलों के २५७ में २५२ ग्रामपंचायतों के चुनाव को लेकर पिछले कुछ दिनों से ग्रामीण क्षेत्र में राजनीतिक माहौल गरमाया था. प्रचार से लेकर मतगणना तक कार्यकर्ताओं में टक्कर इस दौरान दिखाई दी. अधिकांश स्थानों पर निर्दलीय तथा स्थानीय आघाडी से सरपंच निर्वाचित हुए है, उन सरपंचों पर भी विविध राजनीतिक दल ने दावा ठोका है. उल्लेखनिय है कि, राजनीतिक दल से दी गई सूची में अनेक सरपंच के नाम सभी सूची में है. इसलिए सरपंच कौनसे दल के है, किस गुट के है इसको लेकर संभ्रम है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्रामपंचायतों को अधिक विकास निधि देने संबंध में आश्वासन दिए जाने से अनेक सरपंच वेटिंग पर है. वहीं दूसरी ओर सीधे सरपंच पद के चुनाव होने से इस पदपर निर्वाचित उम्मीदवार अन्य ग्रामपंचायत सदस्यों की तुलना में सही मायने ‘हिरो ’साबित हुए. ग्रामपंचायत पर किसके सदस्य अधिक है, इस संबंध में फिलहाल चर्चा भी नहीं.
समर्थकों की बैठक
अनेक सरपंचों ने अपने विश्वासु कार्यकर्ताओं के साथ इस संबंध में सलाह-मशवरा शुरु किया है. अधिक निधि प्राप्त कर कहां के फायदा होगा, यह देखा जा रहा है. जिसके कारण और भी कुछ दिनों तक दावे-प्रतिदावे का सत्र शुरु रहेगा.
राजनीति दावे की पोल खोल
विविध राजनीति दल ने मंगलवार को नतीजे घोषित होने के बाद किए दावे पूरे नहीं किए. राजनीति दल द्वारा बताए गए जगहों पर ४०० से अधिक संख्या थी, वहीं दूसरी ओर ग्रामपंचायत केवल २५७ है. यह विरोधाभास संभ्रम बढाने वाला है.