अमरावतीमहाराष्ट्र

जिले में अंतरजातीय विवाह बढे

सरकार ने नहीं दिया दो साल से अनुदान

* 2021 के बाद 360 लाभार्थियों को विवाह के पैसे नहीं मिले

अमरावती/ दि.2– अंतरजातीय विवाह करनेवाले प्रत्येक जोडी को शासन की ओर से 50 हजार रूपए का अनुदान दिया जाता है. परंतु जिले के सैकडों जोडियों ने पंजीयन करने के बाद भी दो वर्षो से अनुदान नहीं मिला. जिले में अक्तूबर 2021 के बाद आवेदन किए जानेवाले लगभग 360 लाभार्थियों को आंतरजातीय विवाह के पैसे नहीं मिले है तथा जनवरी से नवंबर इस दौरान 125 नये जोडों ने अनुदान के लिए आवेदन किया है. इसका मतलब कुल 485 युगल अपने अनुदान की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

राज्य सरकार की सामाजिक न्याय विभाग द्बारा 1958 से आंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है. इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त जाति व भटक्या जनजाति, बौध्द विशेष पिछडेवर्गीय इसमें से एक व्यक्ति ने सवर्ण हिंदू, लिंगायत, जैन व सिख इन से विवाह करने पर दो अलग-अलग प्रवर्ग के व्यक्ति ने विवाह करने पर 50 हजार रूपए का प्रोत्साहन अनुदान दिया जाता है. यह योजना जातिभेद निर्मूलन के लिए चलाई जाती है. परंतु अक्तूबर 2021 से विवाह होनेवाले 360 जोडियां आज भी अनुदान की प्रतीक्षा में है.

* क्या है आंतरजातीय विवाह अनुदान योजना ?
अनुसूचित जाति- जमाती, बौध्द, विशेष पिछडेवर्गीय प्रवर्ग के व्यक्ति विवाह यह सुवर्ण हिंदू, लिंगायत, जैन व सिख व्यक्ति से विवाह करे.

*मापदंड क्या है ?
राज्य सरकार सामाजिक न्याय विभाग द्बारा 1958 से विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए सहायता दी जाती है.

* 125 प्रस्ताव 11 माह में
आंतरजातीय प्रोत्साहन योजना के अनुदान के लिए लाभ के लिए जनवरी से नवंबर इस 11 माह में 125 से 130 आवेदन आने की जानकारी समाज कल्याण विभाग ने दी है.

* 50 हजार रूपए का अनुदान मिलता
राज्य सरकार के सामाजिक न्याय विभाग द्बारा 1958 से आंतरजातीय विवाह करनेवाले जोडियों को 50 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जाती है.

* दो वर्षो से पैसे नहीं मिले
आंतरजातीय विवाह का पंजीयन करनेवाली 360 जोडियों को अभी तक रकम नहीं मिली है. अक्तूबर 2021 के बाद आवेदन करनेवाले सभी लाभार्थी यह अनुदान से वंचित है.

* आंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए आर्थिक सहायता शासन की ओर से दी जाती है. परंतु निधि अप्राप्त होने से अक्तूबर 2021 से अनुदान नहीं दिया गया है. नये 125 आवेदन और प्राप्त हो गए हैं.
– राजेंद्र जाधवर,
जिला समाज कल्याण अधिकारी

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