अमरावती

इच्छुक प्रत्याशियों को मनपा चुनाव के तारीख का बेसब्री से इंतजार

राज्य में सत्ता परिवर्तन से धडकने बढने लगी

* चुनाव की तारीख आगे बढने का डर सताने लगा
अमरावती/ दि.11 – कुछ दिन पूर्व ही चुनाव आयोग ने राज्य के 92 नगर परिषद व नगर पंचायत के चुनाव की तारीख घोषित की है. इस घोषणा के बाद महापालिका चुनाव के चुनावी मैदान में उतरने की चाह रखने वाले इच्छुक प्रत्याशियों की गतिविधि तेज होने लगी है. सत्ता परिवर्तन के बाद कही चुनाव की तारीख आगे न बढ जाए, इस बात के डर से इच्छूक प्रत्याशियों की धडकने तेज हो गई है. मनपा चुनाव की तारीख घोषत होने का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है.
स्थानीय महानगर पालिका के पार्षदों के कार्यकाल मार्च माह में समाप्त होने के पश्चात महापालिका में प्रशासक नियुक्त किया गया. इसके बाद ऐसा महसूस हो रहा था कि, मई या जून में महापालिका के चुनाव लिये जाएंगे. चुनाव आयोग के निर्देश पर मनपा प्रशासन की ओर से काफी तेजी के साथ प्रभाग रचना की सीमाएं तय की गई. परंतु प्रभाग रचना प्रारुप आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने से पहले ही लिक हो गई. यहीं से मनपा चुनाव की साडेसाती शुरु हो गई. जैसे-तैसे प्रभाग रचना का मामला सुलझा. इसके बाद ओबीसी आरक्षण का मामला गरमाने लगा. ओबीसी आरक्षण के बगैर ही मनपा चुनाव लेने के बारे में जो निर्णय लिया गया, उसे राजनीतिक दलों में खलबली मच गई. इस दौरान चुनाव आयोग के निर्देश पर प्रभाग रचना की अंतिम तिथि घोषित की गई. इसके बाद मतदाता सूची पर काम शुरु कर प्रारुप की घोषणा की गई. मतदाता सूची प्रारुप पर आपत्ति दर्ज करने की तिथि समाप्त होने के बाद अब अंतिम मतदाता सूची की घोषणा का इंतजार इच्छूक प्रत्याशी कर रहे है.
इस दौरान राज्य की महाविकास आघाडी सरकार को जो 40 बगावती विधायकों का जोरदार झटका लगा. इससे सरकार धराशाही हो गई. राज्य में नए सिरे से शिंदे की शाही सरकार भाजपा के सहयोग से स्थापित की गई. शिंदे की सरकार स्थापित हो जाने के बाद ऐसा महसूस हो रहा था कि, स्थानीय स्वराज संस्था के चुनाव की तारीख आगे बढाई जाएगी, परंतु चुनाव आयोग ने जिस तरह नगर पालिका, नगर पंचायत के मतदान की तारीख घोषित की. इससे महापालिका चुनावी मैदान में उतरने की चाह रखने वाले इच्छूक प्रत्याशियों की उम्मीदे फिर जागने लगी. अब महापालिका चुनाव का कार्यक्रम भी घोषत होगा. ऐसी सोच सामने रखकर फिर से पूरी ताकत के साथ जनसंपर्क में जुट गए है. फिलहाल चुनाव की तारीख का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है.

सितंबर में चुनाव की उम्मीद
फिलहाल चुनाव आयोग ने नगर पंचायत व नगर परिषद के मतदान के लिए 17 अगस्त की तारीख तय की है. उसे देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि, सितंबर माह में महानगर पालिका के चुनाव हो सकते है. प्रशासन की ओर से चुनाव को लेकर लगभग तैयारियां पूरी कर ली गई है. जानकारी मिली है कि प्रशासन भी केवल तारीख का इंतजार कर रहा है. चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही चुनाव का बिगुल फुंका जाएगा.

चंद्रशेखर बावणकुले के पत्र से खलबली
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व उर्जामंत्री चंद्रशेखर बावणकुले ने 8 जुलाई को राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर महानगर पालिका, नगर परिषद, नगर पंचायत, ग्रामपंचायत की प्रभाग-वार्ड रचना की गई. जिसमें कई त्रुटियां है. कुछ राजनीतिक नेताओं के दबाव में रचना की गई, इस तरह का आरोप लगाते हुए फिर नए सिरे से प्रभाग-वार्ड रचना की मांग की गई. चंद्रशेखर बावणकुले के इस ज्ञानरुपी पत्र से मनपा चुनाव में उतरने की चाह रखने वाले प्रत्याशियों में खलबली मच गई है. परंतु ज्ञापन के बाद भी चुनाव आयोग ने जिस तरह नगर परिषद व नगर पंचायत के चुनाव की तारीख घोषित की है. उससे इच्छूक प्रत्याशियों में राहत व उम्मीद की किरण नजर आ रही है.

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