आंतरिक शुध्दीकरण आवश्यक – प्रा. नरेश बुराडे
विद्यापीठ के आजीवन अध्ययन विभाग में विविध कार्यक्रम संपन्न
अमरावती/दि.08– स्थिति का विचार कर आंतरिक शरीर शुध्दीकरण आवश्यक है, ऐसा प्रतिपादन परतवाडा के भगवंतराव शिवाजी पाटील महाविद्यालय के प्रा. नरेश बुराडे ने किया. संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के आजीवन अध्ययन व विस्तार विभाग अंतर्गत आनेवाले पदव्युत्तर पदविका योगथेरेपी द्बारा आयोजित अतिथि व्याख्यान देते समय वे बोल रहे थे.
अध्यापन पध्दति सफल होने के लिए पाठनियोजन उत्कृष्ठ होना आवश्यक है. ऐसा प्रतिपादन डिग्री कॉलेज ऑफ फिजिकल एज्युकेशन, अमरावती के प्रा. डॉ. नितिन काले ने किया. अध्यापन पध्दति में पाठ नियोजन और संवाद कौशल्य इस विषय पर वे बोल रहे थे.
शरीर क्रिया विज्ञान व योग अभ्यास के समय विद्यार्थियों को मस्तिष्क रचना जानना आवश्यक है. ऐसा डॉ. पंजाबराव देशमुख वैद्यकीय महाविद्यालय के डॉ. अनंत कालबांडे ने बताया. विभाग में ही एम. ए. योगशास्त्र अभ्यासक्रम की ओर से आयोजित अतिथि व्याख्यान के समय वे बोल रहे थे. ये तीनों कार्यक्रम के अध्यक्ष विभाग के संचालक डॉ. श्रीकांत पाटिल थे.
समुपदेशन व मानसोपचार पदव्युत्तर पदवी पाठ्यक्रम की ओर से मानसशास्त्र के रंजक संकल्पना इस विषय पर एक दिवसीय अतिथि व्याख्यान आयोजित किया गया था. इस समय मानस हॉस्पिटल के मानसोपचार विशेषज्ञ डॉ. पंकज वसाडकर ने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन किया. डॉ. वसाडकर ने मानसशास्त्र विषय का अभ्यास करना उतना कम और रंजक है, ऐसा कहकर ब्रोन कंडीशनिंग, प्लेजर मेकॅनिझम, गेन अॅन्ड ड्रेन ऐसे विविध नई संकल्पना संबंध में विद्यार्थियों को मार्गदर्शन किए. कार्यक्रम में शिक्षक, विद्यार्थी बडी संख्या में उपस्थित थे.