अमरावती

पारिवारिक माहौल में इंटरनेशनल स्कूल ऑफ डिजाइन का शुभारंभ

शाह व गगलानी परिवार के साथ गणमान्यों की उपस्थिति में उद्घाटन

अमरावती/ दि.6 – इंटरनेशनल स्कूल ऑफ डिजाइन का नई दिल्ली के संस्थापक अजय अग्रवाल, कार्यकारी संचालक प्रणवराज अग्रवाल, अमरावती प्रमुख मनोज शाह, प्रियंका शाह, विधि शाह, निधि शाह की प्रमुख उपस्थिति में पारिवारिक माहौल में रविवार को गुलशन टॉवर की दूसरी मंजील पर शुभारंभ किया गया. जिसमें फीता व केक काटकर मान्यरों की उपस्थिति में उद्घाटन किया गया.
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ डिजाइन में ग्राफिक इंटेरियर, ग्राफिक एनिमेशन, वीएएफएक्स, टेक्टाइल डिजाइन, ज्वैलरी फैशन डिजाइन में कैरियर की दृष्टि से जो मुंबई, पुणे, बंगलुरु व अन्य बडे शहरों में जाते है, उन सभी युवाओं को अब शहर में ही कोर्स के माध्यम से कैरियर की सुविधा प्राप्त होगी. संपूर्ण देशभर में इंटरनेशनल स्कल ऑफ डिजाइन की 57 से अधिक शाखाएं हैं. जहां से हजारों विद्यार्थियों ने डिप्लोमा हासिल कर खुद का व्यवसाय शुरु किया है तो, कुछ युवा बडी-बडी कंपनियों में कार्यरत हैं.
शहर का इंटरनेशनल स्कूल ऑफ डिजाइन एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा, इसमें कोई संदेह नहीं होने की बात उद्घाटन अवसर पर संजय अग्रवाल ने कही. शाह परिवार के मार्गदर्शन में स्थानिय युवाओं को ग्राफिक डिजाइन के माध्यम से विविध क्षेत्र में केरियर का अवसर प्राप्त होगा. यहां पढाए जाने वाले कोर्सेस यूके, युएसए, फ्रांस, यूएई जैसे देशों में शिक्षा का अवसर देेते हैं. विश्वस्तरीय अनुभवी शिक्षकों का मार्गदर्शन यहां मिलेगा. बडे सेलिब्रेटी, ब्रान्डेड कंपनियों के व्दारा मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा, ऐसा प्रियंका व विधि शाह ने कहा.
7 सिंतबर 2017 को केंद्रीय केबिनेट मंत्री असीम मोहम्मद खान ने संस्था को उत्कृष्ट डिजाइन के संस्था का पुरस्कार प्रदान कर नवाजा था. उस समय एआयसीटी के सदस्य सचिव प्रा. एपीएम इत्तल के साथ सांसद जे.पी. यादव उपस्थित थे. रविवार को स्कूल के उद्घाटन समारोह में गुणवंत गगलानी, जयेश शाह, योगिता शाह, भव्य शाह, आर्यन शाह, यश आनंदपरा, हिना आनंदपरा, फेन्चाइजी इंडिया के अतुल महाशब्दे, सरिता महाशब्दे, रवि इंगले, अश्विन गुजर, भारती इंगले, गुजरात सोरठिया समाज के अध्यक्ष प्रदीप वैद्य, उजंबावाडी अध्यक्ष हितेंद्र भाई धाबलिया, एड. ब्रजेश तिवारी, रजनीश केला, रतन शर्मा, संजय सांगाणी सहित गगलानी परिवार व शहर के गणमान्य उपस्थित थे.

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