पारिवारिक न्यायालय में मध्यस्थी जनजागृति कार्यक्रम हुआ
मुुंबई हाईकोर्ट के निर्देशानुसार आयोजित किया गया
अमरावती/प्रतिनिधि दि ८ – स्थानीय पारिवारिक न्यायालय में मुंबई हाईकोर्ट के निर्देशानुसार मध्यस्थी जनजागृति कार्यक्रम हाल ही में ४ अगस्त को आयोजित किया गया. भारतीय परंपरा में पारिवारिक व सामाजिक वाद निवारण करने में मध्यस्थ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसमें प्रमुखता से पारिवारिक विवाद रहने पर परिवार का व खास तौर पर छोटे बच्चों का हो सकने वाला नुकसान टालने हेतु मध्यस्थी का उपयोग बड़े प्रमाण ेमें हो सकता है. इसी के मद्देनजर अमरावती पारिवारिक न्यायालय में यह आयोजन किया गया था. कार्यक्रम के अवसर पर वरिष्ठ अधि. पी.एस.खडसे ने मध्यस्थी के संदर्भ में मूल संकल्पना जरूरत व लाभ इस विषय पर मार्गदर्शन किया. जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव जी आर पाटिल ने मामलों की वर्गवारी के अनुसार मध्यस्थी की उपयोगिता व उसकी प्रक्रिया के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी. अमरावती पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश आर. आर. पोदकुले ने मध्यस्थी के लिए न्यायाधीश, वकील, मध्यस्थ व पक्षकार की भूमिका आदि के संदर्भ में विस्तार से विवेचन किया. इस कार्यक्रम में मार्गदर्शन लाभ लेने हेतु अनेक पक्षकार, वकील मंडली, प्रबंधक जे.एच.तिवारी व न्यायालयीन कर्मचारी उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन एस.एन. तेलरांधे ने व आभार प्रदर्शन डी. एल. क्षीरसागर ने किया