अमरावती

जिले में 102 सोनाग्राफी, गर्भपात केंद्रों की जांच आरंभ

जिला शल्य चिकित्सक निकम ने तीन सदस्यीय टीम का किया गठन

अमरावती/दि.24 – आर्वी के कदम अस्पताल के गर्भपात केंद्र में हुई गडबडियों और अनियमितता के चलते उच्चस्तर पर दिए गए जांच के आदेशों के पश्चात जिला स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सोनोग्राफी, गर्भपात केंद्रों की जांच आरंभ कर दी है. 18 जनवरी को आदेश मिलने के बाद जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम से तीन सदस्यीय टीम का गठन कर जिले के उक्त सभी केंद्रों की जांच आरंभ की है.
आर्वी के कदम अस्पताल में हुई गडबडी के पश्चात जिले के केंद्रों में इस तरह की गडबडी की जांच के लिए वरिष्ठ स्तर से आदेश प्राप्त हुए है. जिसमें जांच हेतु समिति का गठन किया गया. गठित समिति में एक महिला रोग विशेषज्ञ, महिला वकिल और निवासी वैद्यकीय अधिकारी का समावेश किया गया है. 19 जनवरी से टीम व्दारा जांच आरंभ करने से केंद्र संचालकों में खलबली मच गई. कई केंद्रों व्दारा रिकार्ड व्यवस्थीत करने में भागमभाग शुरु हुई. वहीं कई सेंटर बंद भी रखने की जानकारी सामने आयी है.
जिले में 53 सोनोग्राफी सेंटर और 52 गर्भपात केंद्र है. मनपा क्षेत्र में 109 सोनाग्राफी सेंटर तथा 90 गर्भपात केंद्र है हर तीन महीने में इनकी जांच करना जरुरी रहता है. गलत तरीके से कुछ केंद्रों में गर्भपात किए जाने की भी जानकारी अधिकारियों के सामने आयी है. आर्वी की घटना के बाद जिलाशल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम ने ऐसे केंद्रों के हर तीन महीनें में जांच किए जाने के आदेश दिए है जिसमें राजापेठ के एक गर्भपात केंद्र को बंद कर दिया गया था.
जिलाशल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम ने बताया कि, आदेश प्राप्त होते ही जिले में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. टीम व्दारा केंद्रों की जांच आरंभ कर दी गई है. हर केंद्र व केंद्र में हुए गर्भपात तथा सोनोग्राफी टीम पथक के अधिकारी कर रहे है. दो बेटियां होन के बाद किसी व्दारा गर्भपात करवाने की जानकारी ली जा रही है. इस मामले में मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विशाल काले के अनुसार महानगर में सोनोग्राफी एवं गर्भपात केंद्रों की हर तीन महीने में जांच की जाती है. अगले महीने तक सभी केंद्रों की जांच पूरी होने की जानकारी भी डॉ. विशाल काले ने दी.

राज्य सरकार ने 28 फरवरी तक दिए जांच के आदेश

राज्य सरकार ने आर्वी के कदम अस्पताल में हुई गडबडी के पश्चात गर्भपात तथा सोनोग्राफी सेंटरों की जांच के आदेश दिए है. 28 फरवरी तक सभी केंद्रों की जांच के आदेश दिए गए है. केंद्र में किसी तरह की गडबडी मिलने पर उक्त केंद्र का पंजीयन रद्द करने के पहले नोटिस देने और नोटिस का जवाब देने के पश्चात जांच के कदम उठाने के निर्देश दिए गए है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग व्दारा केंद्र संचालकों पर मुकदमा दायर करने के भी आदेश दिए गए है.

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