अमरावती

दो निवृत्त उपसंचालकों सहित पांच जिला क्रीडा अधिकारियों की जांच

भ्रष्टाचार सहित क्रीडा प्रमाणपत्र जांच में गडबडी के मामले उजागर

* सूचना अधिकार के तहत सामने आयी जानकारी
अमरावती/दि.12- भ्रष्टाचार, क्रीडा प्रमाणपत्र जांच में गडबडी व अधिकारों का दुरूपयोग जैसे मामलों को लेकर क्रीडा विभाग में 19 लोगों की विभागीय जांच की जा रही है. क्रीडा व युवक सेवा संचालनालय (पुणे) द्वारा दो सेवानिवृत्त क्रीडा उपसंचालकों तथा विविध जिलों के पांच जिला क्रीडा अधिकारियों, मार्गदर्शकों व क्रीडा अधिकारियों की ऐसे मामलों को लेकर जांच की जा रही है. ऐसी जानकारी सूचना अधिकार के जरिये सामने आयी है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक शिव छत्रपति क्रीडापीठ (पुणे) के सेवानिवृत्त उपसंचालक माणिक ठोसरे के खिलाफ सरकार की प्रतिमा मलिन किये जाने को लेकर जांच की जा रही है. वहीं औरंगाबाद के सेवानिवृत्त उपसंचालक राजकुमार महादावड के खिलाफ क्रीडा प्रमाणपत्र जांच में गडबडी और वित्तीय अनियमितता से संबंधित दो मामलों को लेकर जांच जारी है. इसके अलावा यवतमाल की जिला क्रीडा अधिकारी नंदा खुरपडे के खिलाफ धुलिया व बीड में पदस्थ रहते समय रिश्वत लिये जाने को लेकर स्वतंत्र विभागीय जांच की जा रही है. साथ ही अहमदनगर की जिला क्रीडा अधिकारी कविताा सुभाष नावंदे की कार्यालयीन कामकाज में कोताही, अधिकारों का दुरूपयोग व वित्तीय अनियमितता को लेकर, गोंदिया के जिला क्रीडा अधिकारी घनश्याम राठोड की क्रीडांगण व व्यायामशाला विकास योजना में प्रशासकीय नियमानुसार काम नहीं करने को लेकर, नासिक के जिला क्रीडा अधिकारी रविंद्र नाईक की अधिकारों का दुरूपयोग करने को लेकर जांच की जा रही है. वहीं औरंगाबाद के सेवानिवृत्त जिला क्रीडा अधिकारी अशोक गिरी की भी ऐसी ही वजहों के चलते जांच की जा रही है. इसके साथ ही दो तहसील क्रीडा अधिकारी भी जांच का सामना कर रहे है. ऐसी जानकारी क्रीडा व युवक सेवा संचालनालय के सुचना अधिकारी व उपसंचालक अनिल चोरमले द्वारा दी गई है.

* कहीं पत्नी के नाम पर व्यवसाय, तो कहीं लगातार गैरहाजिर
राज्य क्रीडा मार्गदर्शक सुरेश तुकाराम काकड (पुणे मुख्यालय) के खिलाफ अपनी पत्नी के नाम पर व्यवसाय शुरू करने को लेकर जांच की जा रही है. वहीं औरंगाबाद के सेवानिवृत्त लघुलेखक सुभाष मुरकुंडे के खिलाफ वित्तीय गडबडियों व रत्नागिरी की सीमा जाधव के खिलाफ लंबे समय तक अनुपस्थिति के संदर्भ में जांच की जा रही है. ज्ञात रहे कि, सेवा में रहनेवाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को जांच पूरी होने तक कोई पदोन्नति या वेतन वृध्दि नहीं दी जाती. साथ ही सेवानिवृत्त अधिकारियों व कर्मचारियों को जांच पूरी होने से पहले कोई निवृत्ती लाभ भी नहीं दिया जाता.

Related Articles

Back to top button