चौतरफा विरोध के बाद ‘जागी’ पुलिस
राठोड व मालुसरे की जमानत रद्द करने नई अपील
कल न्यायालय में ‘से’ दाखिल करेगी पुलिस
इर्विन व तिवसा पीएचसी का रिकॉर्ड जब्त
आर्थिक अपराध शाखा के पीआई बचाटे का सोैंपी जांच
मामला रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का
अमरावती/दि. 18- पिछले मंगलवार की रात शहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में आयुक्तालय पुलिस की अपराध शाखा की भूमिका का चौतरफा विरोध होने के बाद अब कही जाकर पुलिस ने इस मामले की जांच क्राईम ब्रांच से निकालकर आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी है. आर्थिक अपराध शाखा के पीआई शिवाजी बचाटे ने जांच की कमान संभालते ही अन्न व औषधि प्रशासन विभाग के निरीक्षक मनीष गोटमारे के साथ इर्विन अस्पताल व तिवसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर वहां का रिकॉर्ड जब्त किया है. वहीं अब इस मामले के आरोपी जिला कोविड अस्पताल के डॉ.अक्षय राठोड, तिवसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के वैद्यकीय अधिकारी डॉ.पवन मालुसरे, सुपर कोविड की नर्स पूनम सोनोने की अंतरिम जमानत को रद्द करने की अपील कल बुधवार को पुलिस न्यायालय में करेगी. जांच अधिकारी पीआई शिवाजी बचाटे के अनुसार कल इन तीनों की जमानत की अर्जी पर न्यायालय में सुनवाई हो रही है. इस समय पुलिस की ओर से न्यायालय में ‘से’ दाखिल किया जाएगा और इस मामले के सभी आरोपियों को पुलिस हिरासत में देने की अपील न्यायालय से की जाएगी.
पुलिस के अनुसार पिछले बुधवार को सुबह जब इस मामले में फे्रजरपुरा पुलिस थाने में अपराध दर्ज किया गया तब आरोपियों को गिरफ्तार करने से पहले उनकी वैद्यकीय जांच की. उस समय अनिल पिंजरकर पॉजिटीव आया था. साथ ही पुलिस जांच में शामिल एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटीव पाये जाने से उन्होेंने आरोपियों के पीसीआर की मांग नहीं की. इसी दौरान न्यायालय ने परिचारिका पूनम सोनोने समेत डॉ.अक्षय राठोड और डॉ.पवन मालुसरे को अंतरिम जमानत दी है. इन दोनों को स्थायी जमानत नहीं मिली है, जिसपर कल स्थानीय कोर्ट में सुनवाई होगी. इस सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से न्यायालय में ‘से’ दाखिल कर आरोपियों की जमानत रद्द करने की मांग की जाएगी. पुलिस के अनुसार जांच के दौरान पुलिस ने तिवसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और इर्विन अस्पताल का आवक-जावक रजिस्टर समेत कोरोना बीमारी से संबंधित दवाईयों के वितरण व्यवस्था से जुडे सभी रिकॉर्ड जब्त किये है. अन्न व औषधि प्रशासन विभाग के निरीक्षक मनीष गोटमारे के साथ आज सुबह तकरीबन 2 घंटे पुलिस दल ने इर्विन अस्पताल के रिकॉर्ड रुम में तलाशी अभियान चलाया और इर्विन अस्पताल के रिकॉर्ड जांचे.
उल्लेखनीय है कि पिछले मंगलवार की रात पुलिस ने एक नकली ग्राहक भेजकर पहले सुपर कोविड अस्पताल के वार्ड बॉय शुभम सोनटक्के और शुभम किल्लेदार को सबसे पहले कैम्प कॉर्नर के पास रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकडा था. उसके पास से कैडिला कंपनी के 2 रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त किये गए थे. उसके बाद पुलिस दल ने भातकुली पीएचसी के पास रहने वाले डॉ.अक्षय राठोड के घर में भी छापा मारा. उसके पास से एक ओर इंजेक्शन जब्त किया था. उसके बाद सुपर कोविड अस्पताल की नर्स पूनम सोनोने जहां रहती थी, उस पीडीएमसी अस्पताल के होस्टेल पर छापा मारकर उसके पास से हेट्रा कंपनी का रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त किया था. उसके बाद संजीवनी कोविड सेंटर के लेबारटरी असिस्टंट अनिल पिंजरकर और इसी अस्पताल के इन्चार्ज तथा तिवसा पीएचसी के वैद्यकीय अधिकारी डॉ. पवन मालुसरे के पास से 4 इंजेक्शन जब्त किये है. इस तरह रातभर चली पुलिस की छापामार कार्रवाई के तहत कुल 12 रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त किये गए थे. उसी दिन दोपहर पुलिस ने सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, लेकिन पुलिस ने किसी भी आरोपी का पीसीआर नहीं मांगा था. जिससे न्यायालय में सभी को न्यायिक हिरासत सुनाई थी. इस कारण मामले के जांच क्राईम ब्रांच की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया जा रहा था.चारों ओर से पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया जा रहा था. आखिर पुलिस आयुक्त ने इस मामले की जांच क्राईम ब्रांच के पीआई कैलाश पुंडकर से निकालकर आर्थिक अपराध शाखा के पीआई शिवाजी बचाटे को सौंपी है.
इंटेरियम बेल रद्द करवाने का प्रयास
स्थानीय पुलिस व्दारा गिरफ्तारी के बाद जब आरोपियों का पीसीआर ही नहीं मांगा गया तब न्यायालय ने नियम के अनुसार कोरोना पॉजिटीव अनिल पिंजरकर को इलाज के लिए जेल के अस्पताल में भेज दिया और शेष आरोपियों को न्यायिक हिरासत सुनाई थी. उसके बाद आरोपियों के वकीलों ने उनकी जमानत की अर्जी कोर्ट में दाखिल की तब डॉ.अक्षय राठोड, डॉ.पवन मालुसरे व नर्स पूनम सोनोने को इंटेरियम बेल कोर्ट ने सुनाई थी. इस अंतरिम जमानत की अर्जी पर कल कोर्ट में सुनवाई होने वाली है. इस कारण पुलिस अब कोर्ट में ‘से’ दाखिल कर आरोपियों की अंतरिम जमानत रद्द करने की अपील न्यायालय से करेगी.