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विद्यापीठ के पुरस्कार चयन में हुई अनियमितता

शिक्षक मंच ने कुलगुरु को सौंपा निवेदन, जांच की मांग

अमरावती/दि.28 – संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ की तरफ से घोषित हुए उत्कृष्ट सेवा गौरव पुरस्कार यह चयन समिति की तरफ से चयन करते समय अनियमितता होने का आरोप संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ शिक्षण मंच की तरफ से कुलगुरु को सौंपे गए ज्ञापन में किया गया है. पुरस्कार चयन समिति द्वारा नियमबाह्य तरीके से परस्पर आवेदन मंगवाकर अपने ही पसंदीदा लोगों को यह पुरस्कार दिया रहने का गंभीूर आरोप इसमें किया गया है. शिक्षण मंच संयोजक मिनल भोंडे ने कुलगुरु डॉ. मिलिंद बारहाते को यह ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में कहा गया है कि संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ की तरफ से विद्यापीठ तथा महाविद्यालयीन स्तर पर काम करनेवाले कर्मचारियों को हर वर्ष प्राचार्य, प्राध्यापक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी आदि विविध गुट से उत्कृष्ट सेवा गौरव पुरस्कार प्रदान किया जाता है. इसमें इस वर्ष कुलगुरु डॉ. मिलिंद बारहाते, नूटा के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण रघुवंशी, विद्यापीठ कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अजय देशमुख, प्राचार्य फोरम के अध्यक्ष डॉ. सिकची और सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. ए.बी.मराठे की चयन समिति ने अनेक बातो में नियमों का उल्लंघन करते हुे सेवा गौरव पुरस्कार घोषित किए रहने का आरोप किया है. दी गई अवधि के बाद आवेदन प्रस्तुत किए डॉ. वर्षा नाठार, नैक के मानांकन न रहे महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. पूजा सपकाल , परीक्षा विभाग में कार्यड़त सनिता मंगरुलकर, सुरेंद्र गुल्हाने तथा गजानन पंचवटे व राजश्री देसले के पुरस्कार के आवेदन 31 मार्च के बाद ही सीधे निमंत्रित किए गए. उनका चयन इस समिति द्वारा पुरस्कार के लिए किया गया, ऐसा शिक्षण मंच ने दिए ज्ञापन में स्पष्ट रुप से कहा है. इस कारण इस चयन समिति द्वारा चयनीत किए गए सभी पुरस्कारो की तथा उनके चयन की जांच कर संबंधितो पर कार्रवाई करने तथा आवेदनकर्ताओं पर हुए अन्याय को गंभीरतासेलेने की मांग शिक्षण मंच द्वारा की गई है.

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