परतवाडा/दि.29– परतवाड़ा शहर से सटा कांडली गांव नहीं, शहर है. गांव की आबादी 30 हजार से ऊपर है और सभी शिक्षित और मजदूर वर्ग के हैं. इन्हें ग्राम पंचायत से सिर्फ बुनियादी सुविधाओं की उम्मीद है. 17 सदस्यों की यह ग्राम पंचायत विकास के बजाय भ्रष्टाचार व अनियमितताओं से डूबी है. 15 वें वित्त आयोग के सामान्य फल दलित बस्ती जिला परिषद फंड द्वारा इस फंड में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई है और बिना किसी काम के एक ही काम के दो-दो बिल जारी कर दिए गए हैं. यहां की अनियमताओं की जांच करने के लिए समिति नियुक्त की गई है. गट विकास अधिकारी पंचायत समिति अचलपुर ने 26 सितंबर को पत्र जारी कर जांच आदेश दिए. और जांच समिति नियुक्त कर दी गई है और सभी गलत कार्यों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. ग्राम पंचायत सदस्यों को मासिक बैठक किए बिना बैठक में बोलने का अधिकार नहीं है. चूंकि सचिव हैं इसमें शामिल होने से विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें हैं. इन सभी जांच करने के लिए नागरिकों ने गटविकास अधिकारी को शिकायत व सूचना के अधिकार में आवेदन दिया है, किंतु इस पर कोई जांच नहीं होने पर पूर्व सरपंच व राष्ट्रवादी महिला कांग्रेस की तहसील अध्यक्ष सुषमा थोरात ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अधिकारी से शिकायत कर जांच की मांग करने के बाद जिला परिषद की ओर से गट विकास अधिकारी अचलपुर ने भी इन सभी गलत कार्यों पर अंकुश लगाने के लिए एक जांच समिति भी नियुक्त की.
अचलपुर तहसील के कांडली ग्राम पंचायत ढाई साल के कार्यकाल में विकास से ज्यादा भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर चर्चा में है. सरपंच-उपसरपंच के कार्यकाल में गांव के विकास से ज्यादा प्लॉट, कार, फ्लैट का विकास चर्चा का विषय है. सदस्य अनभिज्ञ और सचिव मालामाल इसकी की जांच होगी.