जुलाई से जीएमसी के जिम्मे चला जाएगा इर्विन अस्पताल
व्यवस्थापन को लेकर जीएमसी के डीन लेंगे निर्णय
* सीएस के जिम्मे होंगे जिले के ग्रामीण अस्पताल
अमरावती /दि.10- आगामी जुलाई 2025 से स्थानीय जिला सामान्य अस्पताल यानि इर्विन हॉस्पिटल के व्यवस्थापन का जिम्मा अमरावती के सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल यानि जीएमसी को सौंप दिया जाएगा. जिसके चलते जुलाई माह से इर्विन से संबंधित सभी अधिकार जीएमसी के अधिष्ठाता डॉ. किशोर इंगोले को सौंपी जाएगी तथा जिला सामान्य अस्पताल के संचालन को लेकर जीएमसी के डीन का फैसला ही अंतिम रहेगा. वहीं इस बदलाव के चलते जिला शल्यचिकित्सक का कार्यक्षेत्र घट जाएगा और जिला शल्यचिकित्सक की जिम्मेदारी से इर्विन अस्पताल के भार को पूरी तरह कम कर दिया जाएगा. जिसके चलते जुलाई माह के बाद भी यद्यपि जिला शल्यचिकित्सक का कार्यालय इर्विन अस्पताल परिसर में ही रहेगा, लेकिन उन्हें इर्विन अस्पताल को छोडकर जिले के 4 उपजिला अस्पतालों व तहसीलस्तर के ग्रामीण अस्पतालों सहित सुपर स्पेशालिटी अस्पताल, जिला स्त्री अस्पताल व जिला क्षय रुग्णालय के संचालन पर ही ध्यान देना होगा.
बता दें कि, अमरावती शहर मेें वर्ष 2024- 25 के शैक्षणिक सत्र से सरकारी मेडिकल कॉलेज को शुरु कर दिया गया है. इस महाविद्यालय के शुरु होने से पहले ही सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अख्तियार के रहने वाली इर्विन अस्पताल की पूरी इमारत सहित डफरीन अस्पताल के कुछ हिस्से व सुपर स्पेशालिटी अस्पताल की कुछ इमारते अगले 7 वर्ष हेतु जीएमसी को किराया तत्व पर दी गई है. जिसे लेकर वैद्यकीय शिक्षा विभाग से किराया करार भी किया गया है. जिसके चलते अब इन इमारतों पर एक तरह से जीएमसी का अधिकार है. जिसके चलते जीएमसी द्वारा इन इमारतों में अपनी जरुरत के मुताबिक आवश्यक बदलाव भी किये जाएंगे. जिसके तहत इर्विन अस्पताल मे एक नया कक्ष तैयार किया जा रहा है. जिला शल्य चिकित्सक के कार्यालय को इर्विन परिसर से बाहर गजानन बाबा मंदिर के पीछे स्थित जगह में स्थलांतरीत किया जा रहा है.
ज्ञात रहे कि, जिले में मोर्शी, तिवसा, अचलपुर व धारणी जैसे 4 स्थानों पर उपजिला अस्पताल है. वहीं अन्य तहसील मुख्यालय वाले स्थानों पर ग्रामीण अस्पताल एवं ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. जिनके संचालन का जिम्मा पहले की तरह जिला शल्य चिकित्सक पर ही रहेगा. वहीं जुलाई 2025 के बाद से इर्विन अस्पताल यानि जिला सामान्य अस्पताल का संचालन पूरी तरह जीएमसी के डीन द्वारा लिये जाने वाले फैसले के अनुरुप होगा.
* जीएमसी के प्रथम वर्ष में पडने वाले विद्यार्थियों को प्रैक्टीकल की जरुरत नहीं पडती. जिसके चलते शैक्षणिक सत्र 2024-25 के शुरु होते समय इर्विन का व्यवस्थापन अपने कब्जे में लेने की जरुरत नहीं थी. परंतु अगले शैक्षणिक सत्र से द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रैक्टीकल का विषय रहेगा. जिसके चलते जुलाई 2025 से इर्विन के पूरे व्यवस्थापन को जीएमसी के कब्जे में लिया जाएगा और सहायक जिला चिकित्सक को साथ लेकर जिला सामान्य अस्पताल के व्यवस्थापन को संभाला जाएगा.
– डॉ. किशोर इंगोले,
अधीष्ठाता, जीएमसी, अमरावती.