अमरावती

10 दिन से बंद पडी है इर्विन की एक्सरे मशीन बंद

कई मरीजों को लौटना पडा खाली हाथ

* निजी अस्पतालों में जाकर करवाना पड रहा एक्सरे
अमरावती/दि.1 – स्थानीय जिला सामान्य अस्पताल यानि इर्विन हॉस्पिटल की एक्सरे मशीन विगत 10 दिनों से बंद पडी है. जिसके चलते यहां पर एक्सरे करवाने हेतु आने वाले मरीजों को निराश होकर बिना जांच के ही वापिस लौटना पड रहा है. इससे पहले गंभीर स्थिति वाले मरीजों पर सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में एक्सरे के लिए भेजा जाता था. परंतु वहां पर भी एक्सरे मशीन बंद रहने के चलते अब सभी मरीजों को पीडीएमसी अस्पताल का रास्ता दिखाया जाता है. साथ ही कई मरीज खुद ही निजी अस्पतालों का रास्ता पकड लेते है.
बता दें कि, जिला सामान्य अस्पताल में शहर सहित जिले के सर्वसामान्य वर्ग से वास्ता रखने वाले सैकडों मरीज रोजाना ही इलाज के लिए पहुंचते है. जिसमें से कई मरीजों का एक्सरे करना जरुरी होता है. परंतु विगत 10 दिनों से एक्सरे मशीन में तकनीकी दिक्कत रहने के चलते इर्विन अस्पताल में एक्सरे निकालने का काम बंद पडा है. अस्पताल प्रशासन द्बारा इस संदर्भ में संबंधितों को सूचना देने के बावजूद भी एक्सरे मशीन की अब तक दुरुस्ती नहीं हुई है. इर्विन अस्पताल में कई मरीज दुरदराज के क्षेत्रों से एक्सरे निकलवाने हेतु आते है. लेकिन उन्हें विगत 10 दिनों से बिना जांच के ही वापिस लौटना पड रहा है. साथ ही पिछले कुछ दिनों से सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में रहने वाले एक्सरे मशीन भी बंद पडी है. ऐसे में दोनो अस्पतालों द्बारा एक्सरे की जरुरत रहने वाले मरीजों को पीडीएमसी अस्पताल में जाने की सलाह दी जा रही है.

* कई दिव्यांगों को लौटना पडा वापिस इर्विन अस्पताल में प्रति सप्ताह बुधवार को दिव्यांगों के लिए आरक्षित होता है. जिसके चलते बुधवार को समूचे जिले से सैकडों दिव्यांग अपने शरीरिक जांच के लिए इस अस्पताल में आते है. इसमें से जो मरीज हाथ व पैर से दिव्यांग होते है, उनकी एक्सरे जांच की जाती है. किंतु अस्पताल में एक्सरे मशीन ही बंद रहने के चलते बुधवार को अपनी स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल आए मरीजों को बिना जांच करवाए ही यहां से वापिस लौटना पडा. जिसके चलते अस्पताल पहुंचे दिव्यांगों और उनके साथ आए परिजनों में रोष की लहर है.

तकनीशियन द्बारा एक्सरे मशीन का निरीक्षण करते हुए उसे दुरुस्त कर दिया गया है और दोपहर 4 बजे के बाद एक्सरे मशीन दुबारा कार्यान्वित हो गई है.
– डॉ. नरेंद्र सोलंके,
आर.एम.ओ. इर्विन अस्पताल.

Related Articles

Back to top button