बुरे सपने आना किसी बीमारी का लक्षण तो नहीं?
अमरावती/दि.8– प्रत्येक व्यक्ति नींद में रहते समय अलग-अलग तरह के सपने जरुर देखता है और इन सपनों का अर्थ खोजने का प्रयास हजारों वर्षों से चल रहा है. परंतु सामान्य व्यक्तियों के साथ-साथ संशोधक भी आज तक नींद में दिखाई देने वाले सपनों का अर्थ खोज पाने में नाकाम रहे है. जिसके चलते प्रत्येक व्यक्ति अपनी-अपनी क्षमता व बुद्धिमत्ता के अनुसार सपनों का अलग-अलग अर्थ लगाता रहता है. इसमेें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, नींद के समय मनमस्तिष्क पर पूरी तरह से कब्जा कर लेने वाले सपने नींद से जागने के बाद जस के तस याद भी नहीं आते. बल्कि नींद में देखे गए सपनों की धुंधली सी याद आती है. ऐसे में उन सपनों का कोई अर्थ सटिक तरीके से निकाला भी नहीं जा सकता.
खास बात यह है कि, कई बार नींद में बेहद अच्छे और सुहाने सपने दिखाई देते है. वहीं कई बार सपने बेहद बुरे और डरावने भी हो सकते है. कभी-कभी तो सपने इतने बुरे और डरावने होते है कि, सपने देख रहा व्यक्ति नींद से अचानक ही जाग जाता है और बिस्तर पर उठकर बैठ जाता है. यदि लगातार ही ऐसे सपने दिखाई देते रहते है, तो इसे अस्थिर मानसिकता का लक्षण माना जा सकता है.
* क्यों दिखाई देते है बुरे सपने?
– सपने एक तरह से हमारे चेतन व अवचेतन मन का आइना होते है. ऐसे में यदि मानसिकता किसी भी तरह से अस्थिर है तथा जीवन में किसी भी तरह का तनाव है, तो नींद में रहते समय भी उसका असर बुरे व डरावने सपनों के तौर पर सामने अता है. जो नींद में रहने वाले व्यक्ति की नींद उडा देते है.
– यदि बार-बार बुरे सपने दिखाई दे रहे है, तो किसी योग्य मानसोपचार विशेषज्ञ से मिलकर उनकी सलाह लेनी चाहिए.
– बार-बार बुरे सपने दिखाई देना किसी मानसिक बीमारी का भी लक्षण हो सकता है. कई बार तो स्थिति यह होती है कि, नींद से जागने के बाद भी संबंधित व्यक्ति में उस बुरे सपने को लेकर डर बना रहता है और उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है.
* यह कौन सी बीमारी का लक्षण?
लगातार बुरे सपने दिखाई देना मानसिक बीमारी का लक्षण हो सकता है. जिसे नाइटमेयर डिसऑर्डर कहा जाता है. ऐसे बुरे व डरावने सपनों की वजह से नींद का भी सत्यानाश हो जाता है. जिसका प्रतिकृल परिणाम शरीर पर दिखाई देता है और मानसिक स्वास्थ्य भी बिगड जाता है.
* क्या है उपाय?
मानसिक तनाव को कम करना अपने आप में सबसे बेहतरीन उपाय है, अपनी पसंदीदार बातों में मन लगाने तथा संगीत व वाचन का आधार लेने का फायदा होता है. दिन भर मन में घुमने वाली बातों का सपनों में रुपांतरण हो जाता है. ऐसे में किसी भी मामूली बात को लेकर बेवजह का तनाव नहीं लिया जाना चाहिए. साथ ही ऐसी बातों को लेकर बिना वजह बहुत अधिक विचार भी नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से बुरे व डरावने सपनों को रोका जा सकता है.
* हमारे मन के मुख्यत: दो हिस्से होते है. जिसमें से एक को चेतन व दूसरे को अवचेतन कहा जाता है. हम दिन भर जो भी देखते व सुनते है, वह चेतन मन के जरिए संभव हो पाता है. साथ ही इसमें से कई बातें जाने अनजाने हमारे अवचेतन मन में किसी डेटा की तरह रिकॉर्ड हो जाती है. दिन भर हमारे चेतन व अवचेतन मन में विचारों का जो आना-जाना चलता रहता है, उसमें से ही कुछ विचार रात के समय सपने के तौर पर दिखाई देते है. इसमें भी यदि लगातार बुरे व डरावने सपने दिखाई दे रहे है, तो इसका सीधा मतलब है कि, संबंधित व्यक्ति की मानसिकता कुछ हद तक अस्थिर है और वह तनाव या अवसाद का शिकार है. यह समस्या आगे चलकर किसी मानसिक विकार का भी रुप ले सकती है. ऐसे में समय रहते किसी योग्य मानस विशेषज्ञ से मानस समुपदेशन करवाने पर बुरे व डरावने सपनों से अपना पीछा छूडाया जा सकता है.
– अमिता दुबे,
क्लिनिकल साइकॉलॉजिस्ट,
संचालिका, अस्तित्व परामर्श केंद्र