अमरावतीमहाराष्ट्र

वाहन हैं या अग्निबाण?

कई वाहन छोडते है रॉकेट की तरह धुआं

* लाखों रुपयों का दंड होता है वसूल
* आरटीओ ने चला रखा है अभियान
अमरावती/दि.5– इलेक्ट्रीक वेहीकल के प्रयोग को प्रोत्साहन देते हुए हवा में कार्बन उत्सर्जन का प्रमाण कम करने हेतु सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर इंधन अकार्यक्षम तथा पुराने व जर्जर हो चुके वाहनों के अतिप्रयोग के चलते शहर के फेफडों मेें धुआं भर रहा है और पूरे शहर का दम घूट रहा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रादेशिक परिवहन विभाग द्वारा ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई शुरु करने का अभियान चला रखा गया है. जिसके जरिए रॉकेट की तरह धुआं छोडते हुए आगे बढने वाले वाहनों पर कार्रवाई कर लाखों रुपयों का दंड वसूला जा रहा है. साथ ही साथ इलेक्ट्रीक वाहनों की खरीदी को प्रोत्साहन दिया जा रहा है.
बता दें कि, हवा में कार्बन के उत्सर्जन का प्रमाण कम करने हेतु पेट्रोल व डिझल जैसे इंधनों पर चलने वाले इंजिनों में संशोधन कर कम धुआं निकलने की व्यवस्था की गई है. लेकिन इसके बावजूद कई पुराने वाहन अब भी सडक पर चल रहे है. जो बडे पैमाने पर धुआं छोडते है. जिनसे काफी अधिक प्रदूषण होता है. ऐसे वाहनों पर कार्रवाई किये जाने की सख्त जरुरत है. जिसे ध्यान में रखते हुए आरटीओ द्वारा अभियान छेडा गया है.

* क्या कहता है पीयूसी का नियम?
सभी तरह के वाहनों का पीयूसी प्रमाणपत्र निकालना बेहद आवश्यक होता है. वाहनों के उत्सर्जन स्तर पर नियंत्रण रखने हेतु यह प्रमाणपत्र जरुरी होता है. कालबाह्य हो चुके पीयूसी सहित वाहन चलाना यातायात नियमों का उल्लंघन है. अत: पीयूसी का समय-समय पर नुतनीकरण करवाना बेहद आवश्यक है. मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार भारत सरकार ने सभी तरह के वाहनों हेतु पीयूसी प्रमाणपत्र को अनिवार्य किया है.

* सोलर व ईवी के प्रयोग को प्रोत्साहन
इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के साथ ही सौर उर्जा का प्रयोग करने के काफी फायदे है. वाहन को उर्जा देने हेतु सूर्य का उपयोग करने से पैसे बचते है व इलेक्ट्रीक ग्रीड को फायदा होता है. साथ ही घर के लिए बैकअप पॉवर मिलने में भी सहायता होती है.

* पेट्रोल, डीझल व सीएनजी से इन घटकों का उत्सर्जन
पेट्रोल, डीझल व सीएनजी जैसे इंधनों पर चलने वाले वाहनों के जरिए कार्बन डायऑक्साइड, नॉयट्रोजन ऑक्साइड व कनिक पदार्थों का उत्सर्जन होता है. जिसके चलते हवा की गुणवत्ता प्रभावित होती है.

* डीजल इंजन का धुआं घातक
डीजल इंजन के जरिए बडे पैमाने पर कार्बन डायऑक्साइड सहित विविध तरह के घातक पदार्थ बाहर निकलते है, जो हवा में घुलकर इंसानी स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करते है.

* धुल व धुएं में पटाखों का प्रदूषण भी शामिल
अमूमन वाहनों से निकलने वाले धुएं की वजह से प्रदूषण होने को लेकर काफी होहल्ला मचता है. परंतु दीपावली पर्व के समय होने वाली पटाखों की आतिशबाजी के जरिए निकलने वाले धुएं की वजह से वायू प्रदूषण का प्रमाण और भी अधिक बढ जाता है.

* आरटीओ द्वारा नियमित तौर पर वाहनों की जांच पडताल की जाती है. इस दौरान कुछ दस्तावेजों में त्रुटियां रहने तथा पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं रहने पर संबंधित वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. इसके साथ ही अब ईवी यानि इलेक्ट्रीव वेहीकल जैसे वाहनों के प्रयोग को बढाने हेतु सभी को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है.
– प्रशांत देशमुख,
डेप्यूटी आरटीओ.

 

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