अमरावतीमहाराष्ट्र

हाथ-पांव का सुन्न होना कही खतरे की घंटी तो नहीं?

अमरावती/ दि.29– इन दिनों अधिकांश लोगबाग अपने स्वास्थ्य की ओर अनदेखी करते है. जिसकी वजह से कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं उत्पन्न होती है. जिनकी ओर समय रहते ध्यान नहीं दिये जाने पर कही तरह की बीमारियों का भी सामना करना पडता है. यही वजह है कि, इन दिनों उच्च रक्तदाब व शूगर जैसी बीमारियों के साथ ही कोलेस्ट्रॉल का बढना भी बेहद सामान्य हो गया है और कोलेस्ट्रॉल बढ जाने के चलते हाथ-पांव में लगातार दर्द रहने के साथ ही हाथ पांव के सुन्न पड जाने की तकलीफ भी हो सकती है. ऐसे में इस तरह के लक्षण दिखाई देते ही कोलेस्ट्रॉल की तुरंत जांच करानी चाहिए. ऐसी सलाह स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा दी गई है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक व्यायाम के अभाव, खाने पीने में होने वाली अनियमितता, शारीरिक गतिविधियों का अभाव, तले भूने हुए भोजन का सेवन तथा बाजार में मिलने वाले जंक फूड का सेवन करने की वजह से शरीर पर काफी दुष्परिणाम होते है और शरीर में चरबी जमा होने लगती है. जिसके चलते कोलेस्ट्रॉल का प्रमाण बढकर बीमारियां होती है. ऐसे में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को लेकर योग्य संतुलन रखना बेहद जरुरी होता है. शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 120 मिली ग्राम डेसी लीटर से कम नहीं होना चाहिए और हृदय के स्वास्थ्य को संभालने हेतु समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल की जांच करना बेहद जरुरी होता है.

* किन बीमारियों का खतरा?
कोलेस्ट्रॉल के बढने पर हृदय विकार, मस्तिष्क से संबंधित रोग व स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियां होने का खतरा होता है.

* क्या है लक्षण?
शरीर में कोलेस्ट्रॉल कई तरह के हार्मोन्स बनाता है और कैल्शियम का शोषण करने में भी मदद करता है. ऐसे में यदि शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा योग्य नहीं होती, तो इसका परिणाम स्वास्थ्य पर दिखाई देता है. जिसके चलते जी मचलाना, थकान आना व छाती में दर्द होना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते है. ऐसे लक्षणों की बिल्कुल भी अनदेखी नहीं करनी चाहिए.

* क्या सतर्कता जरुरी?
नियमित व्यायाम करना, फल, हरी सब्जी, संपूर्ण धान्य व लिक्विड प्रोटीन वाला संतुलित आहार लेना बेहद जरुरी होता है. यदि परिवार में मोटापे, डायबिटीज व हृदय रोग की फैमिली हिस्ट्री है, तो ऐसे लोगों ने तुरंत अपनी स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए.

* क्या काम करता है कोलेस्ट्रॉल?
कोलेस्ट्रॉल द्वारा शरीर में पित्त, हार्मोन्स व विटायमिन डी को तैयार करने का काम किया जाता है. साथ ही शरीर में कोलेस्ट्रॉल कई तरह के हार्मोन्स बनाता है और कैल्शियम का शोषण करने में भी सहायता करता है.

* शरीर में कितना हो कोलेस्ट्रॉल का स्तर
शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को लेकर योग्य संतुलन रखना बेहद महत्वपूर्ण होता है. कोलेस्ट्रॉल का स्तर 120 से 160 मिली ग्राम प्रति डेसी लीटर रहना पूरी तरह से योग्य माना जाता है और यह स्तर कभी भी 120 मिली ग्राम प्रति डेसी लीटर से कम नहीं होना चाहिए. इसी तरह एलडीएल यानि अयोग्य कोलेस्ट्रॉल का स्तर 80 से 90 मिली ग्राम प्रति डेसी लीटर होना चाहिए.

* हृदय का स्वास्थ्य संभालने हेतु कोलेस्ट्रॉल के स्तर की समय समय पर जांच करनी चाहिए. जी मचलाना, शरीर का सुन्न पडना, थकान आना, छाती में दर्द होना व हाथ पांव का ठंडा पड जाना जैसी लक्षण दिखाई देते ही तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
– डॉ. नीरज राघानी,
हृदयरोग विशेषज्ञ.

 

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