अमरावती

‘वह’ मंगल कार्यालय है या वेअर हाउस?

दर्यापुर के तहसीलदार ने पालिका मुख्याधिकारी से मांगी रिपोर्ट

अमरावती/दि.3– विगत बीते बुधवार को दर्यापुर से मुर्तिजापूर मार्ग पर स्थित वैभव मंगल कार्यालय की छत पर लगे टीन शेड उखड गये थे और मंगल कार्यालय में चल रहे विवाह समारोह में शामिल करीब 50 लोग घायल हो गये. जिसके बाद पता चला कि, जिस ढांचे को मंगल कार्यालय कहा जा रहा है, वह हकीकत में कुछ समय पहले तक गोदाम के तौर पर प्रयोग में लाया जाता था और उसे मंगल कार्यालय में अचानक ही तब्दील कर दिया गया. जिसकी दर्यापुर नगर पालिका प्रशासन के पास कोई जानकारी नहीं है. ऐसे में दर्यापुर के तहसीलदार डॉ. योगेश देशमुख ने गत रोज पालिका मुख्याधिकारी पराग वानखडे के नाम पत्र जारी करते हुए उनसे वैभव मंगल कार्यालय से संबंधित दस्तावेजों का ना-हरकत प्रमाणपत्र की मांग की है. वहीं दूसरी ओर अब दर्यापुरवासियों द्वारा वैभव मंगल कार्यालय के मालिक पर अपराध दर्ज करने की मांग की जा रही है.
बता दें कि, दर्यापुर-मुर्तिजापूर मार्ग पर राजेश खंडेलवाल की मिल्कीयत रहनेवाले वैभव वेयर हाउस की कच्ची और जर्जर हो चुकी इमारत में चार वर्ष पूर्व वैभव मंगल कार्यालय व लॉन शुरू किया गया. जहां पर कई निजी व सरकारी कार्यक्रमों सहित विवाह समारोहों का आयोजन किया जाता रहा. सरकारी कार्यक्रमों के साथ-साथ यहां पर मतगणना जैसे कार्य भी किये जाते रहे. किंतु बुधवार को जिस तरह से दस मिनट के आंधी-तूफान ने वैभव वेयर हाउस के भीतर नुकसान हुआ और इस इमारत की छत पर लगे भारी-भरकम टीन व लोहे के एंगल क्षतिग्रस्त हुए. उसे देखते हुए अब यहां पर सुरक्षा को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही है.
विगत बुधवार को वैभव मंगल कार्यालय में 40 लोगोें के घायल हो जानेवाली घटना को देखते हुए प्रहार जनशक्ति पार्टी द्वारा गत रोज जिलाधीश को निवेदन सौंपते हुए सरकार द्वारा सभी घायलों को इलाज का खर्च देने तथा मंगल कार्यालय के संचालक राजू खंडेलवाल सहित इस मामले में दोषी रहनेवाले राजस्व एवं पुलिस महकमे के अधिकारियों पर फौजदारी कार्रवाईयां करने की मांग की है.

* कोई स्ट्रक्चरल ऑडिट या सुविधा नहीं
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2021 में गायवाडी ग्राम पंचायत अंतर्गत वैभव वेयर हाउस के संचालक ने एक पत्र देकर गोदाम के स्थान पर अस्थायी रूप से मंगल कार्यालय शुरू करने की जानकारी पंजीकृत करायी थी, ऐसा ग्राम पंचायत प्रशासन द्वारा बताया गया है. हकीकत में किसी भी मंगल कार्यालय का पंजीयन या निर्माण करते समय वहां पर लोकनिर्माण विभाग द्वारा तय नियमों व शर्तों के हिसाब से तमाम आवश्यक उपाय योजनाएं की जानी चाहिए और आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जानी चाहिए. किंतु गोदाम की इमारत को मंगल कार्यालय में तब्दील करते समय यहां पर कोई स्ट्रक्चरल ऑडिट नहीं किया गया. साथ ही यहां पर मंगल कार्यालय से संबंधित सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई गई. लेकिन बावजूद इसके यह गोदाम विगत चार वर्षों से मंगल कार्यालय के तौर पर प्रयोग में लाया जा रहा है. जिसकी ओर दर्यापुर नगर निगम प्रशासन का कोई ध्यान नहीं था.

* प्रशासन के पास नहीं अधिकृत पंजीयन
विशेष उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में इस इमारत का उपयोग निर्वाचन कार्यक्रम एवं मतगणना के लिए किया गया. जिसके बाद अचानक ही इस इमारत को मंगल कार्यालय में कब और कैसे रूपांतरित किया गया, इसे लेकर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है. क्योंकि इस संदर्भ में प्रशासन के पास कोई अधिकृत जानकारी नहीं है.

शहर का विस्तार होने से पहले यह इमारत तत्कालीन गायवाडी ग्राम पंचायत क्षेत्र अंतर्गत शामिल थी. ऐसे में इससे संबंधीत दस्तावेज पुराने ग्राम पंचायत कार्यालय से मंगाये गये है. जिनकी जांच-पडताल के बाद कोई भी अनियमितता पाये जाने पर संबंधित इमारत के मालिक पर कार्रवाई की जायेगी.
– पराग वानखडे
मुख्याधिकारी, दर्यापुर नगर परिषद

इस घटना के मद्देनजर पालिका के मुख्याधिकारी को पत्र भेजकर वैभव मंगल कार्यालय से संबंधित दस्तावेजों व प्रमाणपत्रों की जानकारी मांगी गई है. यदि कहीं पर भी कुछ भी नियमबाह्य पाया जाता है, तो प्रशासन द्वारा कडी कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
– योगेश देशमुख
तहसीलदार, दर्यापुर

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