कही बीमारियों को तो नहीं बुला रहा जार का पानी
रसायनमुक्त पानी की शुद्धता को लेकर सवालिया निशान

अमरावती /दि.8– जार के पानी में इथिलिंग ग्लायकॉल नामक घातक रासायनिक द्रव्य का प्रयोग होता है और इस पानी को पीने की वजह से किडनी व हृदय से संबंधित बीमारियां होती है. ऐसा स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है. परंतु इन दिनों इस रसायनयुक्त पानी की खुलेआम आपूर्ति चल रही है. जिसके चलते नागरिकों के स्वास्थ्य हेतु काफी बडा खतरा निर्माण हो गया है. ऐसे में प्रशासन को इसकी गंभीरतापूर्व दखल लेनी होगी. क्योंकि कुछ चुनिंदा आरओ प्लांट धारकों द्वारा ही शुद्ध पानी की आपूर्ति की जा रही है, ऐसा चित्र शहर में दिखाई दे रहा है.
उल्लेखनीय है इन दिनों शादी ब्याह जैसे समारोहों के साथ साथ होटल, चाय टपरी तथा व्यवसायिक व कार्यालयीन स्थानों पर जार के पानी का धडल्ले के साथ प्रयोग किया जाता है. महज 30 रुपए में 20 लीटर ठंडा पानी मिलने के चलते ग्राहकों द्वारा किसी भी तरह का विचार किये बिना जार का पानी खरीदा जाता है. परंतु कुछ प्लांट धारकों द्वारा चिलर मशीन की खर्चिली प्रक्रिया से बचते हुए सीधे इथिलिन ग्लायकॉल नामक रासायनिक द्रव्य मिलाकर पानी को ठंडा करते है. परंतु यह खतरनाक प्रयोग किडनी व हृदय की कार्यक्षमता पर विपरित परिणाम करता है और दिर्घकालीन स्वास्थ्य समस्याओं की वजह भी बन सकता है. ऐसे में जार के जरिए आम नागरिकों को कही अशुद्ध पानी तो नहीं पिलाया जा रहा. इसकी प्रशासन द्वारा गंभीरतापूर्वक पडताल करना जरुरी है.
ज्ञात रहे कि, गर्मी के मौसम दौरान ठंडे पानी वाले जार की विक्री बडे पैमाने पर होती है. इसके चलते स्वास्थ्य की दृष्टि से आवश्यक सावधानी व सतर्कता बरतना बेहद जरुरी है.
* शहर में 90 से अधिक प्लांट
अमरावती मनपा क्षेत्र अंतर्गत जार के छोटे बडे 90 से अधिक प्लांट है. कई लोगों ने तो अपने घरों में ही आरओ प्लांट लगाते हुए ठंडे पानी के जार का व्यवसाय करना शुरु किया है. यह व्यवसाय करने वाले लोग जार के पानी का घर पहुंच सेवा देते है. जिसके चलते बडे पैमाने पर आर्थिक व्यवहार होते है.
* 20 से 30 रुपए में ठंडे पानी का जार
इन दिनों शादी ब्याह जैसे समारोहों में जार के ठंडे पानी का सर्वाधिक प्रयोग किया जाता है. महज 30 रुपए में 20 लीटर ठंडा पानी मिलने के चलते लोगों का रुझान ठंडे पानी का जार खरीदने की ओर अधिक रहता है. परंतु उपभोक्ताओं द्वारा ऐसे पानी की गुणवत्ता की ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया जाता. जिसके चलते कई बार जार का ठंडा पानी पीने की वजह से कई लोगों को तकलीफ भी होती है.
* कौन करता है. आरओ वॉटर की जांच
मनपा के स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा पानी की शुद्धता को लेकर जांच की जाती है. जिसके तहत पानी के सैम्पल लिये जाते है. जार सहित कही पर भी प्रयोग में लाये जाने वाले पानी की जांच की जाती है. महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण तथा अन्न व औषधी प्रशासन के पास भी पानी की जांच करने हेतु स्वतंत्र व्यवस्था है.
* जार के पानी की शुद्धता को लेकर नियमित रुप से जांच की जाती है और आवश्यकता नुसार पानी के सैम्पल लिये जाते है. जिन्हें जांच हेतु प्रयोगशाला में भेजा जाता है. पानी की शुद्धता को लेकर नागरिकों द्वारा भी मनपा के स्वास्थ्य विभाग के पास शिकायतें दर्ज कराई जा सकती है.
– डॉ. विशाल काले,
स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी,
अमरावती मनपा.