अमरावतीमहाराष्ट्र

बच्चे में जन्म से दोष तो नहीं है?

गर्भवती महिला को जांच करना आवश्यक

अमरावती /दि.10– विश्व स्तर पर हर वर्ष जन्म लेने वाले 2 हजार बालकों में से एक बालक ने जन्मजात व्यंग रहता है. जन्मजात व्यंग की संभावना यह अनुवांशिक तथा गर्भावस्था में मां को कोई बीमारी होने पर रहती है. इस कारण बच्चे के जन्म के पूर्व एम्नऑसेन्टेसिस जांच कर गर्भ के बच्चे में कोई विकलांगता तो नहीं है, इस बाबत जांच की जाती है.
बदलती लाइफ स्टाइल, आहार में बदलाव और लगातार करियर के पीछे भागने वाली पीढी के कारण गर्भवती होते समय आने वाली समस्या बढ गई है. गर्भवती हुई तो पूरे 9 माह बच्चे में बढोत्तरी कर निरोगी बच्चे के जन्म होने तक पालकों का तनाव कम नहीं होता. बढती आयु के कारण देरी से गर्भवती हुए, तो भी उसका परिणाम बच्चे पर हो सकता है. बच्चे का विचार करते समय पुरुष और महिलाओं को कुछ जाचं करना आवश्यक रहता है. इसके अलावा गर्भावस्था में भी डॉक्टरों द्वारा कही गई सभी जांच करना आवश्यक होता है. परिवार में कोई व्यंग रहा, तो पालक को होने वाले बच्चे पर विशेष ध्यान रखना आवश्यक है और समय-समय जांच करनी चाहिए.

* जन्मजात व्यंग यानि क्या?
जन्मजात व्यंग यानि जन्म के समय रही शारीरिक समस्या को जन्मजात व्यंग कहते है. जिसमें चलना, बातचीत करना, सिखना तथा कुछ गंभीर बीमारी बच्चे को जन्मजात रहती है. वर्तमान वातावरण का प्रदूषण तथा जो महिला अल्कोहोल व धूम्रपान करती होगी, उन्हें भी बच्चा जन्मजात व्यंग रहने की संभावना रहती है, ऐसा विशेषज्ञों ने कहा. इस कारण गर्भवती महिला ने उचित ध्यान नहीं रखा और समय-समय पर आवश्यक जांच नहीं की अथवा इस दौरान वह बीमारी पडी, तो इसका असर गर्भ के बच्चे पर होता है.

* गर्भवती रहते ध्यान रखना आवश्यक
बच्चे में जन्मजात व्यंग रहने का प्रमुख कारण अनुवांशिक है. इस कारण परिवार में ऐसा कोई रहा, तो विशेष ध्यान रखे. साथ ही गर्भवती रहते हुए भी संबंधित माता को उचित ध्यान रखना आवश्यक है.
– डॉ. भूपेश भोंड,
बालरोग तज्ञ.

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