हमारे बोलने का कोई अर्थ है या नहीं?
डीपीसी की बैठक में भडकी विधायक सुलभा खोडके
* डीपीओ की कार्यप्रणाली पर जताया तीव्र रोष
* विधायकों के मुद्दे प्रोसिडिंग में शामिल नहीं होने पर उठाई आपत्ति
* मनपा क्षेत्र के विकास कामों हेतु 50 करोड रुपयों की मांग
अमरावती/दि.31 – विगत 4 अगस्त 2024 को हुई जिला नियोजन समिति की बैठक में पूछे गये प्रश्न, उपस्थित किये गये मुद्दे और उनके अनुपालन का इतिवृत्त में समावेश नहीं है. साथ ही तत्कालीन विधायकों द्वारा रखे गये मुद्दे भी इतिवृत्त में दिखाई नहीं दे रहे. जिसका सीधा मतलब है कि, जिला नियोजन अधिकारी अपने मनमानी ढंग से कामकाज करते हुए पालकमंत्री की दिशाभूल कर रहे है. ऐसे में यदि विधायकों द्वारा रखे गये विषय ही रद्द किये जा रहे है, तो इसका सीधा मतलब है कि, विधायक जैसे जनप्रतिनिधियों के बोलने का कोई अर्थ व महत्व ही नहीं है. इस आशय के शब्दों में अपने रोष व संताप को व्यक्त करते हुए विधायक सुलभा खोडके ने जिला नियोजन अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई किये जाने की मांग डीपीसी की बैठक में जिला पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से की.
आज जिलाधीश कार्यालय परिसर स्थित नियोजन भवन के सभागार में बुलाई गई जिला वार्षिक नियोजन प्रारुप वर्ष 2025-26 की समीक्षा बैठक में विधायक सुलभा खोडके अच्छी खासी आक्रामक दिखाई दी. इस बैठक में सबसे पहले जिलाधीश सौरभ कटियार ने वर्ष 2024-25 की पिछली बैठक के इतिवृत्त में शामिल विषय क्रमांक-1 से 11 को पढकर उन्हें कायम करने का पहला प्रस्ताव रखा. पश्चात पालकमंत्री के निर्देश पर अपने विचार व्यक्त करते हुए विधायक सुलभा खोडके ने इतिवृत्त में पिछली बैठक दौरान अपने द्वारा रखे गये मुद्दों को रद्द किये जाने पर जबर्दस्त नाराजगी जतायी और कहा कि, यदि विधायकों द्वारा रखे गये मुद्दों को जिला नियोजन अधिकारी द्वारा ऐसे मनमाने ढंग से रद्द किया जाता है, तो फिर विधायकों के डीपीसी की बैठक में बोलने का फायदा ही क्या है. इसके साथ ही विधायक सुलभा खोडके ने अमरावती मनपा क्षेत्र में विकास कामों हेतु 50 करोड रुपयों का नियोजन किये जाने की मांग की.
इस समय पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि, विधायकों व जनप्रतिनिधियों द्वारा बैठक में उपस्थित किये गये मुद्दों को लेकर संबंधित अधिकारियों की ओर से तीन दिन के भीतर वस्तुनिष्ठ जानकारी उनके समक्ष पेश की जाये. साथ ही विकास के नियोजन में दिक्कत पैदा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी.