अमरावतीमहाराष्ट्र

आपका जन्म पंजीयन प्रमाणपत्र योग्य है अथवा नहीं?

अधिकार नहीं रहने पर भी नायब तहसीलदारों ने जारी किए 5 हजार से अधिक प्रमाणपत्र

अमरावती /दि.31– जन्म-मृत्यु पंजीयन (संशोधित) अधिनियम 2023 की धारा 13 (3) के तहत विलंबित जन्म अथवा मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने हेतु जिलाधीश द्वारा तहसीलदारों को प्राधिकृत किया गया था. परंतु 5 तहसीलों में अपने पास इसका अधिकार नहीं रहने के बावजूद नायब तहसीलदारों ने ऐसे प्रमाणपत्र जारी किए है. इसमें भी बडे पैमाने पर अनियमितता होने की शिकायत मिलने के चलते राज्य सरकार ने नायब तहसीलदारों द्वारा जारी किए गए सभी प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया है.
जिले में अमरावती, अचलपुर, नांदगांव खंडेश्वर, चिखलदरा व चांदुर बाजार तहसीलों में नायब तहसीलदारों द्वारा जन्म व मृत्यु के प्रमाणपत्र जारी किए गए है. यह बात सामने आने पर जिलाधीश सौरभ कटियार ने सभी संबंधित तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को विगत 19 मार्च को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर लिखित स्पष्टीकरण मांगा था. वहीं अब इस मामले में क्लिनचीट देने का प्रकार भी हो रहा है.

* 15 हजार से अधिक प्रमाणपत्र हुए जारी
जिले में 23 अक्तूबर 2023 से 21 जनवरी 2025 की कालावधि दौरान 15 हजार से अधिक विलंबित जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों द्वारा जारी किए गए.
इसमें से कई मामलों में दस्तावेज आधे-अधूरे है और दस्तावेजों की जांच-पडताल किए बिना ही परस्पर आदेश जारी किए गए. जिसके चलते 5 हजार से अधिक प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया गया.

* अब दुबारा होगी जांच
पांच तहसीलों में नायब तहसीलदार द्वारा जारी 5 हजार से अधिक प्रमाणपत्रों को रद्द करने का आदेश विगत 17 मार्च को जारी हुआ. ऐसे में अब इन प्रमाणपत्रों की सक्षम अधिकारी द्वारा पुनर्जांच करते हुए उन पर यथाशीघ्र निर्णय लेने का भी आदेश दिया गया है.

* क्या है कारण?
प्रशासन की जांच में त्रृटी – प्राधिकृत नहीं रहने के बावजूद नायब तहसीलदार ने आदेश जारी किए. साथ ही कुछ आवेदनों में पर्याप्त दस्तवेज नहीं रहने के बावजूद प्रमाणपत्र जारी किए गए.
नागरिकों द्वारा गलत दस्तावेज – कई नागरिकों ने अपने पर्याप्त दस्तावेज पेश नहीं किए और ऐसे दस्तावेजों की प्रशासन द्वारा पर्याप्त तरीके से पडताल व पुष्टि भी नहीं की गई.

* पांच तहसीलों में नायब तहसीलदारों द्वारा जारी किए गए जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्रों को सरकारी आदेश के चलते रद्द कर दिया गया है. साथ ही अब समिति द्वारा ऐसे सभी प्रमाणपत्रों की दुबारा जांच की जा रही है.
अनिल भटकर
निवासी उपजिलाधीश, अमरावती.

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