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परतवाडा के निकट ‘इश्कजादे’ या ‘सैराट’

विवाहित प्रेमीयुगल की रक्तरंजित लाशें मिली

* अंजनगांव मार्ग के येनीपांढरी स्थित खेत में बने मकान से बरामद हुई लाशें
* मृतकों की शिनाख्त कांडली निवासी सुधीर बोबडे व विवाहित महिला के तौर पर हुई
* कल सुबह 11 बजे से लापता थे दोनों
* महिला के पति ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज करायी थी
* हत्या या आत्महत्या को लेकर पैदा हुआ गहरा संदेह
परतवाडा/दि.23– यहां से करीब 7 किमी दूर अंजनगांव मार्ग पर येनीपांढरी गांव के पास के खेत में बने कच्चे कमरे में आज सुबह अधेड आयुवाले महिला व पुरूष की रक्तरंजित लाशें बरामद हुई. जिससे परिसर में जबर्दस्त सनसनी मच गई है. पश्चात इन दोनों लाशों की शिनाख्त कांडली परिसर निवासी 48 वर्षीय सुधीर बोबडे व 48 वर्षीय विवाहित महिला के तौर पर की गई. यह खबर मिलते ही कांडली परिसर सहित अचलपुर व परतवाडा जुडवा शहर में हडकंप देखा गया. साथ ही इस अजीबो-गरीब मामले को यद्यपि प्रथमदृष्टया आत्महत्या का मामला माना जा रहा है, वहीं यह हत्या है या आत्महत्या, इसे लेकर काफी कयास लगाये जा रहे है और चर्चाओं का बाजार गर्म है.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मृतक सुधीर बोबडे कांडली के वनश्री कालोनी परिसर का रहनेवाला था तथा कांडली के कविठा स्टॉप परिसर में महाकाल पान सेंटर नामक पानठेला चलाया करता था. विगत आठ दिनों से सुधीर बोबडे का पानठेला ज्यादातर समय बंद था और इस दौरान उसने केवल एक बार अपना पानठेला खोला था. 48 वर्षीय सुधीर बोबडे के परिवार में उसकी पत्नी व दो बेटे है. वहीं मृतक महिला कांडली के रामनगर परिसर की निवासी थी और
इस 48 वर्षीय विवाहीता के परिवार में टेलरिंग का व्यवसाय करनेवाले उसके पति सहित एक मूकबधीर बेटा व दो विवाहित बेटियां है. सुधीर बोबडे और यह विवाहीत महिला कल मंगलवार 22 फरवरी की सुबह 11 बजे के आसपास कांडली परिसर से लापता हो गये थे. जिसके बाद विवाहीता के पति ने कांडली पुलिस थाने में पहुंचकर अपनी पत्नी की गुमशुदगी के संदर्भ में शिकायत भी दर्ज करायी थी. पश्चात पुलिस ने इस विवाहीता की खोजबीन करनी शुरू की थी. वही आज सुबह परतवाडा से 7 किमी दूर येनीपांढरी गांव के पास ही राकेशचंद्र अग्रवाल नामक व्यक्ति के खेत में बने कमरे से दो लोगों की रक्तरंजित लाशें मिलने की खबर सामने आयी. जहां पर पुलिस ने पहुंचकर जब शवों के पास मौजूद मोबाईल फोन, बैग व पर्स की जांच-पडताल की, तब पता चला कि, यह वही विवाहीत महिला है, जो कल कांडली परिसर से लापता हुई थी. साथ ही उसके साथ मृत पाया गया व्यक्ति कांडली परिसर का निवासी सुधीर बोबडे है. इसी कमरे के पास खेत परिसर में सुधीर बोबडे का दुपहिया वाहन भी बरामद हुआ है.
* दोनों के गर्दन व सिने पर चाकू के गहरे घांव
पता चला है कि, खेत में स्थित बने कमरे में दोनोें मृतकों के शव बैठी अवस्था में पाये गये और जहां सुधीर बोबडे के गर्दन और सिने पर चाकू के काफी गहरे घाव है, वहीं मृतक महिला के गर्दन, सिने व पेट पर चाकू के काफी गहरे घांव पाये गये. जिसका सीधा मतलब है कि, दोनों पर बडी बेदर्दी से चाकू चलाते हुए उन्हें चाकू घोंपा गया, लेकिन हैरत इस बात की है कि, मृतक महिला के शव के हाथ में ही खून से सना चायना चाकू बरामद हुआ है. जिसपर मृतक सुधीर बोबडे का भी हाथ रखा हुआ है. ऐसे में प्रथमदृष्टया यह माना जा रहा है कि, संभवत: इन दोनों ने परतवाडा से निकलकर इस खेत में पहुंचने के बाद एक-दूसरे को चाकू से वार करते हुए बुरी तरह घायल होकर अपनी जान दे दी है. इसी एक वजह के चलते विवाहबाह्य प्रेम संबंधोंवाली संभावना को बल मिल रहा है. हालांकि इसकी अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है.मामले की जानकारी मिलते ही परतवाडा के थानेदार संतोष काले अपने दल-बल के साथ येनीपांढरी गांव स्थित खेत में पहुंच चुके थे तथा उन्होंने घटनास्थल का पंचनामा करने के साथ-साथ पूरे परिसर का बारीकी से मुआयना किया. पश्चात दोनों शवों को पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया गया. इस समय तक सूचना मिलने पर अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक शशीकांत सातव भी अमरावती से निकलकर येनीपांढरी गांव पहुंच गये थे और उन्होंने मामले की जांच हेतु परतवाडा पुलिस को आवश्यक दिशानिर्देश भी दिये.
* अपने काम से काम रखता था सुधीर, ज्यादा यारी-दोस्ती किसी से नहीं
पता चला है कि, सुधीर बोबडे हमेशा अपने काम से काम रखा करता था और उसकी बहुत ज्यादा लोगों से कोई खास यारी-दोस्ती भी नहीं थी. ऐसे में उसके निजी जीवन में क्या चल रहा है, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं थी. पता यह भी चला है कि, सुधीर बोबडे दिन अथवा रात के समय भी अपनी आंखों पर गॉगल लगाये रहता था और जिस समय उसका शव बरामद हुआ, तब भी उसकी आंखों पर गॉगल चढा हुआ था. ऐसे में उसे देखकर सहसा यह विश्वास ही नहीं हुआ कि, उसकी मौत हो चुकी है. बल्कि ऐसा लग रहा था मानो, वह गॉगल लगाये बैठा है.
* घटनास्थल पर तडपने या पैरों को घिसने के कोई निशान नहीं
पुलिस सूत्रों ने बताया कि, अगर यह मामला एक-दूसरे को बुरी तरह से घायल करते हुए साथ मिलकर जान देने से संबंधित भी है, तो गले व छाती पर चाकू के घाव लगने के बाद दोनों की जान एकदम से नहीं निकली होगी, बल्कि वे मौत से पहले काफी देर तक तडपे होंगे. किंतु उस कमरे में दोनों के तडपने या मौत से पहले पैरों को घिसने जैसे कोई निशान बरामद नहीं हुए. बल्कि वहां पर केवल खून के दाग और धब्बे ही पाये गये. इसके साथ ही दोनों लाशें कुछ इस अंदाज में पडी थी, मानो घायल होने के बाद दोनों की मौत बडे आरामदायक तरीके से हुई है. यह बात पुलिस के मन में ‘कुछ और होने’ का संदेह पैदा कर रही है. जिसके चलते पुलिस अब हर एंगल से मामले की जांच कर रही है. वही दूसरी ओर इस घटना को लेकर परतवाडा में तमाम तरह की चर्चाएं चल रही है. साथ ही अब पुलिस ने इस मामले में अपनी ओर से हर संभव जानकारी जुटाते हुए संबंधितों के बयान दर्ज करने शुरू कर दिये है. समाचार लिखे जाने तक पुलिस की कार्रवाई जारी थी.

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