अमरावतीमहाराष्ट्र

बच्चा जन्म से ही तो हृदयरोगी नहीं है?

गुणसूत्र की जांच करवाई क्या?

* अनुवंशिकता से विकार होने का प्रमाण बढा
* सावधानी बरतना आवश्यक
अमरावती/दि.01– हृदयरोग को कारणीभूत रहनेवाले घटक किसी को पिढीजात मिले रहे तो यह समस्या उसे महसूस हो सकती है. हृदयविकार को कारणीभूत रहनेवाले कोई भी एक घटक न रहे तो अनेक घटक एकसाथ काम कर हृदयरोग की संभावना बढा सकते है.
कुछ जीन्स उच्च रक्तदाब अथवा उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसे जोखीम भरे घटकों पर जा सकते है. पारिवारिक इतिहास यह एक शक्तिशाली स्क्रिनिंग साधन रह सकता और अनेक बार सर्वोत्तम अनुवंशिक जांच के रुप में पहचानी जाती है. किसी को जन्मजात अनुवंशिकता से रोग रहता है. अपने निकट के खून के रिश्तेदारों से वह आता है. परिवार की एक पिढी को उच्च रक्तदाब रहा तो आगामी पिढी को भी इसी तरह उच्च रक्तदाब रहना असामान्य है.

* लक्षण क्या रहते है?
अनुवंशिकता से जन्मजात कुछ लोगों को विकार रहता है. बढती आयु के मुताबिक वह धीरे-धीरे दिखाई देने लगता है. उच्च कोलस्ट्रॉल होता है, उच्च रक्तदाब बढता है. डेक्स्ट्रोकार्डिया यह दुर्लभ जन्मजात हृदयदोष है. जिसमें हृदय की जगह असमान्य रहती है. हृदयरोग रहे नजदिकी रिश्तेदार के कारण हृदयरोग होने की संभावना अधिक रहती है. हायपर कोलेस्टेरोलिमिया जांच कर उपचार करने से खतरा कम होता है. अनुवंशिकता से केवल हृदयरोग ही नहीं बल्कि अन्य भी विकार नवजात बालको में आ सकते है. इसका औसतन प्रमाण 30 से 40 प्रतिशत रह सकता है.

* खून के संबंधो में रिश्ते टाले
अनुवंशिकता से होनेवाले विकार पर रोक लगाना हो तो रक्त से संबंधित रिश्तेदारो में विवाह करना टाले. अनेक बार अनुवंशिकता से विकार होता है.
– डॉ. राजेश मुंदे
हृदयरोग तज्ञ

* दम्पति गुणसूत्र की जांच कब करें?
– अनुवंशिक जांच संभावित अनुवंशिक विकार खोज सकता है. यह जानकारी दम्पति को गर्भधारणा के सफर बाबत निर्णय लेने में सहायता कर सकती है.
– दम्पति द्वारा गर्भधारणा के पूर्व स्वास्थ जांच करना आवश्यक है. रक्तदाब, वजन, हृदय का स्वास्थ्य अच्छी अवस्था में है इस बात की जानकारी होती है.

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