अमरावती

मेलघाट की शाला को आईएसओ मानांकन

2 शिक्षिकाओं की मेहनत ने बदल दी तकदीर

* गांववासियों का भी मिला पूरा साथ व सहयोग
अमरावती/दि.26 – आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र की चिखलदरा तहसील अंतर्गत मलकापुर स्थित जिला परिषद की शाला को हाल ही में आईएसओ का मानांकन प्राप्त हुआ है. देश के अमृत महोत्सवी स्वाधीनता दिवस का शाला में समारोह जाहीर रहते समय शाला की शिक्षिका के मोबाइल पर इस विशेष उपलब्धि से संबंधित संदेश आया. जिसके चलते यह कृषि कई गुना अधिक बढ गई. क्योंकि इस संदेश में कहा गया था कि, आदिवासी समाज के अभिभावकों द्बारा दिखाए गए सकारात्मक दृष्टिकोण की वजह से इस शाला को मेलघाट की पहली आईएसओ शाला होने का मानांकन प्रदान किया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि, मलकापुर गांव में बमुश्किल 123 परिवार रहते है और गां व की जिप शाला में कक्षा पहलीं से पांचवीं तक कुल 34 विद्यार्थी प्रवेशित है. वर्ष 2018-19 के शैक्षणिक सत्र में स्थलांतरण पश्चात मलकापुर पहुंची मुख्याध्यापक किरण आडे व सहायक शिक्षिका पायल हिंगमिरे ने इस शाला की तस्वीर को बदलने हेतु प्रयास करना शुरु किया. उनके प्रयासों को मुंबई के एम्पैथी फाउंडेशन का सहयोग मिला और फाउंडेशन द्बारा दी गई 26 लाख रुपए की निधि से शाला की शानदार इमारत बनकर तैयार हुई. इस शाला का स्वच्छता गृह किसी निजी उद्योग समुह के साफ सुथरे व अत्याधुनिक स्वच्छता गृह की तरह है. साथ ही यहां पर रेनवॉटर हार्वेस्टिंग व पीने हेतु ठंडे पानी की व्यवस्था भी है. यहां के शिक्षकों ने भौतिक सुविधाओं के साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान दिया. विविधांगी परिपाठ तथा भाषा व गणित की बेहतरीन पढाई के चलते जहां के विद्यार्थी प्रगतीपथ पर है. ऐसे में भी इस शाला को आईएसओ मानांकन दिलाने का विचार सामने आया. परंतु आईएसओ के 85 मानकों को पूरा करने के समय काफी आर्थिक दिक्कतें आयी. ऐसे समय शिक्षकों द्बारा किए जाते प्रामाणिक प्रयासों को देखते हुए गांव के आदिवासी अभिभावकों व समाजबंधुओं ने 100, 200 व 500 रुपए की राशि का सहयोग प्रदान करते हुए 10 हजार रुपए से अधिक की धनराशि जमा की. वहीं शाला व्यवस्थापन समिति की अध्यक्षा सरिता दहीकर के पति व ग्रापं सदस्य जतनलाल दहीकर ने ग्रामपंचायत के जरिए शाला को टेेबल-कुर्सी व अन्य भौतिक साहित्य उपलब्ध कराए. इसके अलावा शाला की शिक्षिका पायल हिंगमिरे द्बारा प्रतिवर्ष शाला के विद्यार्थियों को अपने खर्च पर लेखन साहित्य, स्वेटर व अन्य उपयोगी भेंट स्वरुप प्रदान की जाती है. इसके अलावा शाला की मुख्याध्यापिका किरण आडे द्बारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से सतत संपर्क व समन्वय स्थापित करते हुए शाला की बेहतरी के लिए काम किया जाता है. ऐसे में इन दोनों शिक्षिकाओं की समर्पित सेवा के चलते मलकापुर की जिप शाला को मेलघाट क्षेत्र की पहली आईएसओ मानांकित शाला बनने का बहुमान हासिल हुआ है.

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