अमरावती

इस्तरी पर भी महंगाई का साया

लगातार बढ रहे हैं कपडे प्रेस कराने के दाम

अमरावती/दि.27- दिनोंदिन हर एक चीज और काम की कीमत बढ रही है, जिसका सर्वसामान्यों के जीवन पर भी असर दिखाई दे रहा है. जिससे इस्तरी यानी कपडे प्रेस करने का व्यवसाय भी अछूता नहीं है. इन दिनों लॉन्ड्री व्यवसाईयोें द्वारा अपनी दरें बढा दी गई है. जिसके चलते अब लोगों को टिप-टॉप रहने के लिए कपडे प्रेस करवाने पर पहले की तुलना में ज्यादा पैसा खर्च करना पड रहा है.
बता दें कि, विगत एक वर्ष के दौरान हुई इंधन दरवृध्दि के चलते अनाज व किराणा जैसी जीवनावश्यक वस्तुओं के साथ-साथ सभी वस्तुओं के दामों में 30 से 40 प्रतिशत की वृध्दि हुई है. जिसका असर लॉन्ड्री व्यवसाय पर भी पडा है.
आज की नई पीढी की बदलती जीवनशैली का परिणाम उनके दैनिक रहन-सहन पर भी पडा है. जिसके चलते इस्तरी किये हुए कपडे पहने बिना आज की युवा पीढी घर से बाहर ही नहीं निकलती. लेकिन अब बढती महंगाई की वजह से इस्तरी के भाव बढने की वजह से सर्वसामान्य लोगोें की जेब पर बोझ बढ रहा है.

* कोयले और बिजली के दाम भी बढे
पहले ज्यादातर लॉन्ड्री व्यवसायी कोयलेवाली इस्तरी का प्रयोग किया करते थे. लेकिन आगे चलकर कोयल मिलना थोडा मुश्किल हो जाने पर कई लॉन्ड्री व्यवसायियों ने बिजलीवाली इस्तरी का प्रयोग करना शुरू किया. लेकिन इन दिनों बिजली के दाम भी अच्छे-खासे बढ गये है. जिसकी वजह से अब कई लॉन्ड्री व्यवसायियों ने दोबारा कोयलेवाली इस्तरी का प्रयोग करना शुरू कर दिया है, लेकिन कोयले के दाम भी कम नहीं है. ऐसे में कपडे प्रेस करवाने के दाम बढे हुए है.

* ग्राहकों की संख्या घटी
यद्यपि इन दिनों इस्तरी किये हुए कपडे पहननेवालों की संख्या बढ गई है, लेकिन आज बाजार में विविध कंपनियों की बिजली पर चलनेवाली इलेक्ट्रीक प्रेस उपलब्ध हो गई है. ऐसे में कई लोग अपने घर पर ही कपडे इस्तरी करने को प्राधान्य देते है. जिसके चलते लॉन्ड्री व्यवसायियों के पास ग्राहकों की संख्या काफी हद तक घट गई है.

* दो साल में ऐसे बढे इस्तरी के दर
कपडे का प्रकार    वर्ष 2021    वर्ष 2022
शर्ट-पैंट               12 रू.           15 रू.
शर्ट या पैंट           6 रू.             8 रू.
साडी                   25 रू.           30 रू.
ड्रायक्लिनिंग      50 रू.           60 रू.

90 से 95 – शहर में लॉन्ड्री व्यवसायी
60 से 65 – कोयला इस्तरी का प्रयोग करते है
25 से 30 – इलेक्ट्रिक प्रेस का प्रयोग करते है
150 से 160 – लोग इस व्यवसाय पर निर्भर

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