अमरावती

ओबीसी फर्जी प्रमाणपत्र जोडना महंगा पडा

पांढरी ग्राप सरपंचा का पद निरस्त

  • जिलाधिकारी कार्यालय ने जारी किए आदेश

अचलपुर/प्रतिनिधि दि.१६ – महिला खुले प्रवर्ग से निर्वाचित होने के बावजूद सरपंच पद हासिल करने के लिए ओबीसी का फर्जी प्रमाणपत्र जोडना वर्तमान पांढरी ग्राम सरपंच ललिता भीमराव पाटणकर (विवाह के पूर्व नाम) महंगा पडा. मोहन सूरतलाल शेलेकार का शिकायत पर जिलाधीश कोर्ट ने पांढरी ग्राप सरपंच चुनाव ललिता पाटणकर का पद निरस्त करते हुए नये से सरपंच पद का चुनाव लेने को कहा है.
गौरतलब है कि 2020-21 में ग्राम पंचायत के आम चुनाव के साथ अचलपुर तहसील के पांढरी ग्राम पंचायत के चुनाव हुए थे. इस चुनाव में यशोदा मोहन शेलेकार ओबीस महिला प्रवर्ग से चुनाव जीती और ललिता पाटणकर ने महिला खुला प्रवर्ग से चुनाव जीता था. पांढरी ग्राप सरपंच का पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित था, जबकि यशोदा शेलेकार एकमेव महिला ओबीसी से निर्वाचित हुई थी. सरपंच के चुनाव दौरान ललिता पाटणकर ने धारणी एसडीओ और तहसील से प्राप्त ओबीसी प्रमाणपत्र पर यशोदा शेलेकार द्बारा आपत्ती ली गई. चुनाव निर्णय अधिकारी ने आपत्ती खारिज करते हुए ललिता पाटणकर की सरपंच पद पर विजयी घोषित किया. मोहन शेलेकार ने इस संदर्भ मे धारणी एसडीओ और चिखलदरा तहसील कार्यालय से ललिता पाटणकर के ओबीसी प्रमाणपत्र की सच्चाई जानी तो पता चला की उन्होंने प्रमाणपत्र की सच्चाई जानी तो पता चला कि उन्होंने प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए कोई भी दस्तावेज नहीं जोडा है.
सरकार की दिशाभूल करन के साथ फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर सरपंच पद हासिल किया. मोहन सूरतलाल शेलेकार ने एड. नासिर शाह का माध्यम से जिलाधीश कोर्ट में अपील दायर की. ललिता पाटणकर के फर्जी प्रमाणपत्र हासिल कर धारा 198,199, 200, 420, 468, 471 के तहत अपराध दर्ज किया है. कलेक्टर कोर्ट में दस्तावेजों की जांच पडताल और एड. नासिर शाह की सशक्त पैरवी के बल पर जिलाधीश शौलेश नवाल ने पांढरी सरपंच चुनाव रद्द करने के आदेश दिए. आदेश में अचलपुर तहसीलदार को निर्देश दिए की इस तरह के झूठे दस्तावेज प्रस्तुत कर लााभ लेने वाले लाभार्थियों की जांच कर संबंधिततों के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई करें.

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