कोरोना की दूसरी लहर की अनदेखी करना पडा महंगा
स्वास्थ्य संचालक ने तीन माह पहले ही किया था ‘अलर्ट’
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अब संक्रमण फैलने के बाद की जा रही दौडभाग
अमरावती/दि.16 – जिस समय युरोपियन देशों में कोविड संक्रमण की दूसरी लहर आयी थी, उस समय 11 नवंबर को ही राज्य के स्वास्थ्य संचालक ने स्वास्थ्य महकमे को पूर्व तैयारी के लिए ‘अलर्ट’ जारी किया था. जिसे लेकर अनदेखी अथवा लिपापोती करना स्वास्थ्य महकमे के लिए काफी महंगा और भारी साबित हुआ है. साथ ही अब जिले में दूसरी लहर के तहत कोविड संक्रमण की स्थिति विस्फोटक हो जाने पर स्वास्थ्य महकमे को जमकर दौडभाग करनी पड रही है.
उल्लेखनीय है कि, राज्य में विगत अक्तूबर माह के दौरान कोविड संक्रमितों की स्थिति कम हो रही थी. किंतु इसी समय वैश्विक स्तर पर कोविड संक्रमण की दूसरी लहर चल रही थी. जिसे देखते हुए सभी जिलों को इस बारे में ‘अलर्ट’ जारी किया गया था. जिसमें कहा गया था कि, संक्रमण की रफ्तार कम रहने के बावजूद प्रयोगशाला व सर्वेक्षण शुरू रखे जाये. साथ ही टेस्ट केंद्रों की संख्या बढाई जाये और किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाये. इसके अलावा दूसरी लहर को लेकर समय रहते संकेत मिले, इस हेतु फ्ल्यू सदृश्य मरीजों पर नियमित उपचार करने हेतु शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में फीवर क्लिनीक खोले जायें. ऐसा निर्देश भी जारी किया गया था. किंतु जिला स्वास्थ्य महकमे द्वारा इसकी अनदेखी की गई.
इसके अलावा एकात्मिक रोग सर्वेक्षण (आयडीएसपी) अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ग्रामीण अस्पताल व उपजिला अस्पताल में एंफ्ल्यूएंझा सदृश्य मरीजों के इलाज की साप्ताहिक रिपोर्ट नियमित ट्रेंड के तहत लेने और इसी पध्दति का सर्वेक्षण मनपा के शहरी स्वास्थ्य केंद्रों व निजी अस्पतालों द्वारा किया जाये. साथ ही घर-घर भेंट देते हुए सर्वेक्षण व कौन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम बडी तेजी के साथ युध्दस्तर पर किया जाये. इस हेतु भी निर्देशित किया गया था. किंतु इन तमाम निर्देशों को लेकर जिले में केवल लिपापोती का ही काम हुआ है और अब कोविड संक्रमण की दूसरी लहर में स्थिति गंभीर होने के बाद दौडभाग करनी पड रही है. किंतु ऐन समय पर की जानेवाली दौडभाग किसी काम नहीं आ रही, क्योेंकि इस संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या के साथ-साथ संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों की संख्या में काफी इजाफा हो चुका है.
सुपर स्प्रेडर की टेस्ट पहले ही क्यों नहीं?
जिले में कोरोना का संक्रमण बढने के बाद जिला व मनपा प्रशासन को अधिक जनसंपर्क रहनेवाले (सुपर स्प्रेडर) व्यक्तियों की कोविड टेस्ट करने की जरूरत महसूस हुई. किंतु यदि यहीं जांच दिसंबर माह से शुरू की जाती, तो आज ऐन समय पर दौडभाग करने की जरूरत नहीं पडती. साथ ही इन दिनों यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि, कोविड टेस्ट के नाम पर सडक किनारे साग-सब्जि और फल बिक्री करनेवाले लोगों के साथ कुछ हद तक जोर-जबर्दस्ती भी की जा रही है.
कहां है कोमार्बिडीटी क्लिनीक?
60 वर्ष से अधिक आयुवाले और बहुविध बीमारियों यानी कोमार्बिडीटी से पीडित नागरिकों पर नियमित इलाज करने के साथ ही बीमारी को नियंत्रण में रखने हेतु सामूहिक मार्गदर्शन करने के संदर्भ में निर्देश जारी किये गये थे. साथ ही इन मरीजोें के लिए कोमार्बिडीटी क्लिनीक शुरू करने का आदेश जारी किया गया था. किंतु ये तमाम आदेश व निर्देश अमरावती जिले में केवल कागजों पर ही रह गये और इन पर कहीं कोई अमल नहीं हुआ. इसी अनदेखी और लापरवाही की वजह से आज अमरावती में कोविड संक्रमण की स्थिति गंभीर हो गयी है.