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प्रवीण पोटे का दुबारा भाजपा शहराध्यक्ष बनना लगभग तय

30 अप्रैल को होगी अधिकारिक घोषणा, रेस में कई नाम

* धांडे, खांडेकर, खोंडे, पवार, लुंगारे व तिरथकर के नाम भी पहुंचे
* 22 को मंडल व बूथ प्रमुखों की नियुक्ति के बाद होगी शहराध्यक्ष की नियुक्ति
अमरावती/दि.18 – इस समय भाजपा में संगठन पर्व के तहत बूथ प्रमुख से लेकर मंडल तथा बूथ सहित शहर एवं जिलाध्यक्ष पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. जिसके चलते आगामी 22 अप्रैल को अमरावती शहर के 7 व जिले के 38 मंडल प्रमुखों की नियुक्ति को लेकर घोषणा की जाएगी. जिसके बाद 30 अप्रैल को भाजपा के अमरावती शहराध्यक्ष पद हेतु नाम तय किया जाएगा. जिसे लेकर अभी से ही अच्छी-खासी उत्सुकता देखी जा रही है. साथ ही भाजपा शहराध्यक्ष बनने हेतु कई इच्छुकों के नाम रेस में बताए जा रहे हैं. हालांकि इसके बावजूद माना जा रहा है कि, भाजपा के मौजूदा शहराध्यक्ष व पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटिल का दुबारा शहराध्यक्ष नियुक्त होना लगभग तय है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, क्या पार्टी नेतृत्व द्वारा मौजूदा शहराध्यक्ष प्रवीण पोटे पाटिल को लगातार दूसरी बार अमरावती शहर भाजपा की कमान सौंपी जाती है या फिर पोटे के स्थान पर किसी नए शहराध्यक्ष की नियुक्ति की जाती है.
इस संदर्भ में भाजपा के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जहां एक ओर भाजपा के मौजूदा शहराध्यक्ष प्रवीण पोटे पाटिल दूसरी बार भी शहराध्यक्ष पद का जिम्मा संभालने हेतु अच्छे-खासे उत्सुक है. वहीं दूसरी ओर डॉ. नितिन धांडे, प्रा. रविंद्र खांडेकर, मंगेश खोंडे, चेतन पवार, प्रा. संजय तिरथकर एवं सुरेखा लुंगारे जैसे भाजपा पदाधिकारी भी शहराध्यक्ष पद की रेस में है. ऐसे में इस बात को लेकर अच्छी-खासी उत्सुकता देखी जा रही है कि, इनमें से किस पदाधिकारी को शहराध्यक्ष बनने का मौका मिलता है.
बता दें कि, भाजपा में शहराध्यक्ष व जिलाध्यक्ष पद को लेकर कोई चुनाव नहीं कराए जाते. बल्कि मंडल एवं बूथ स्तर के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से शहराध्यक्ष व जिलाध्यक्ष पद हेतु योग्य दावेदार के सुझाव मंगाए जाते है. जिसके तहत अमरावती शहर (अमरावती व बडनेरा) के सातों मंडलों की ओर से शहराध्यक्ष पद हेतु कुछ नामों के सुझाव भेजे गए है. साथ ही साथ शहर कार्यकारिणी के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी अपनी ओर से इस पद हेतु सुयोग्य रहनेवालों के नाम सुझाए है. जिसके तहत सुयोग्य दावेदारों के नाम पार्टी नेतृत्व के समक्ष बंद लिफाफे में प्रस्तुत किए जाते है. जिनमें शहराध्यक्ष पद के लिए इस समय मौजूदा शहराध्यक्ष प्रवीण पोटे पाटिल का नाम सबसे सशक्त दावेदार माना जा रहा है.
* चुनाव जीतने और जीताने में माहीर है पूर्व मंत्री पोटे
बता दें कि, लगातार दो बार विधान परिषद के सदस्य एवं तत्कालीन फडणवीस सरकार में राज्यमंत्री व पालकमंत्री रह चुके प्रवीण पोटे पाटिल की पहचान एक कुशल नेतृत्व एवं प्रशासक के तौर पर रही है तथा उनके संगठन कौशल्य का लोहा हर कोई मानता है. विधान परिषद चुनाव में खुद अपने लिए एकतरफा जीत हासिल करनेवाले प्रवीण पोटे पाटिल ने किसी समय शहर सहित पूरे जिले को भाजपामय व भगवामय कर दिया था तथा अमरावती महानगर पालिका सहित जिले की अधिकांश नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों की सत्ता भाजपा को दिलाई थी. ऐन लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा शहराध्यक्ष पद का जिम्मा हासिल करनेवाले पूर्व मंत्री प्रवीण पोटे पाटिल ने लोकसभा चुनाव के समय पार्टी के हितों को सबसे उपर मानते हुए पार्टी द्वारा प्रत्याशी बनाई गई नवनीत राणा के पक्ष में जबरदस्त काम किया था और नवनीत राणा को 5 लाख से भी अधिक वोट दिलाए थे. खास बात यह थी कि, इससे पहले राणा दंपति और पूर्व मंत्री प्रवीण पोटे पाटिल के बीच जमकर अदावत वाला दौर भी चला था. लेकिन इसके बावजूद पार्टी के आदेश को शिरोधार्ह्य मानते हुए शहराध्यक्ष के तौर पर प्रवीण पोटे पाटिल ने नवनीत राणा को पार्टी प्रत्याशी के रुप में स्वीकार कर उनका जमकर प्रचार किया था. परंतु वोटो के थोडे से फर्क की वजह से नवनीत राणा को हार का सामना करना पडा था. जिसकी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए प्रवीण पोटे पाटिल ने शहराध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश तक कर डाली थी. हालांकि पार्टी नेतृत्व द्वारा पोटे के इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया गया था. इसके साथ ही विधानसभा चुनाव के समय भी अमरावती निर्वाचन क्षेत्र महायुति के तहत अजीत पवार गुटवाली राकांपा के कोटे में जाने और अमरावती से तत्कालीन विधायक सुलभा खोडके को प्रत्याशी बनाए जाने पर भी प्रवीण पोटे पाटिल ने शहराध्यक्ष के तौर पर युति धर्म का पालन करते हुए महायुति प्रत्याशी सुलभा खोडके के पक्ष में जमकर काम किया था. जिसके चलते सुलभा खोडके अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से विजयी हुई थी. वहीं अब आगामी समय में अमरावती महानगर पालिका के चुनाव होनेवाले है और भाजपा एक बार फिर अमरावती मनपा में सन 2017 के इतिहास को दोहराना चाहती है. जिसके लिए पार्टी को चुनावी रणनीतिकार के तौर पर प्रवीण पोटे पाटिल जैसे ‘चुनाव जीताऊ’ नेता की जरुरत पडेगी, इस बात को भी ध्यान में रखते हुए शहराध्यक्ष पद के लिए भाजपा में प्रवीण पोटे पाटिल के नाम की दावेदारी को फिलहाल सबसे मजबूत माना जा रहा है.

 

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