थायरॉइड फंक्शन टेस्ट करवाना भी जरुरी
नागपुर/दि.16– थायरॉइड यानि गले में श्वसननलिका के पास तितली की तरह दिखाई देने वाली एक महत्वपूर्ण ग्रंथी होती है. इस ग्रंथी से शरीर के लिए महत्वपूर्ण रहने वाले संप्रेरक यानि हार्मोन्स निकलते है और शरीर की ज्यादातर प्रक्रिया इन्हीं संप्रेरकों पर निर्भर करती है. शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में इन संप्रेरकों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है.
* थायरॉइड फंक्शन टेस्ट यानि क्या?
थायरॉइड फंक्शन टेस्ट के तहत थायरॉइड से निकलने वाले टी-3, टी-4 व टीएसएच नामक संप्रेरकों की जांच की जाती है. जिससे यह पता चलता है कि, थायरॉइड की ग्रंथी कितनी क्षमता के साथ काम कर रही है.
* किसके लिए कब जरुरी है टेस्ट?
वजन अचानक कम होने, दिल की धडकन के अचानक अनियमित होने, आंखों की पुतलियां बडी होने जैसे लक्षण दिखाई देने पर थायरॉइड की जांच करने की सलाह दी जाती है.
* थायरॉइड के लक्षण
गले में खिचखिच, हृदय की गतिविधि में बदलाव, मानसिक अस्वस्थता, बालों का गलना, वजन का अचानक घटना या बढना आदि को थायरॉइड का प्रमुख लक्षण कहा जा सकता है.
* थायरॉइड संतुलन के लिए क्या जरुरी?
थायरॉइड संतुलन के लिए आवला, मूंगदाल, गिला नारियल, सूखा मेवा, कद्दू के बीज आदि का आहार में समावेश किया जाना चाहिए. जिनके जरिए शरीर को विटामिन-सी, प्रोटीन, कार्बोहाईड्रेट्स व खनिजतत्वों की आपूर्ति होती है और इन से थायरॉइड को नियंत्रित रखने में सहायता मिलती है. गिले नारियल से पाचन प्रक्रिया सुधरती है. इसी तरह अद्रक में रहने वाला झिंक पोटेशियम भी थायरॉइड को नियंत्रित रखता है. साथ ही सूखा मेवा थायरॉइड ग्रंथी को उत्तेजित करने के मदद करता है. अत: सूखे मेवे के तहत गिने-चुने काजू का भी सेवन करना चाहिए.
* सोयाबीन अथवा दाल में भरपूर प्रोटीन रहता है. थायरॉइड में प्रोटीन का सेवन मर्यादित रखना चाहिए. इसके अलावा कॉफी, चॉकलेट, ब्रोकली व फुलगोबी का सेवन टालना चाहिए. इन सभी पदार्थों में थायरॉइड को उत्तेजित करने वाले गुणधर्म रहते है. जिससे यह बीमारी बढ सकती है. इसके अलावा थायरॉइड की समस्या होने पर तुरंत वैद्यकीय परामर्श लिया जाना चाहिए.
– डॉ. दिलीप सौंदले,
जिला शल्यचिकित्सक.