वह अवशेष राष्ट्रीय पक्षी के है अथवा नहीं यह अभी बताना मुश्किल
घटनास्थल वनविभाग क्षेत्र का नहीं
* वनपरिक्षेत्र अधिकारी वर्षा हरणे का कहना
* जब्त किए अवशेष विद्यापीठ प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे
अमरावती/दि. 20 – शहर से सटे वडाली वनपरिक्षेत्र से सटी नीजी जमीन पर किसी प्राणी का शिकार कर किसी ने उसे वहीं पर आग में भूना और उसका सेवन किया, ऐसा कहा जाता है. चर्चा है कि, वहां बरामद हुए अवशेष राष्ट्रीय पक्षी मोर के है. वनविभाग के दल ने वह अवशेष जब्त कर उचे जांच के लिए विद्यापीठ की प्रयोगशाला में भेज दिए है. इस संदर्भ में प्रादेशिक विभाग वडाली की वनपरिक्षेत्र अधिकारी वर्षा हरणे ने अमरावती को मंडल को बताया कि, घटनास्थल से बरामद कुछ अवशेष मोर के है यह कहना मुश्किल है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही उसका पता चलेगा. लेकिन इस मामले में अज्ञात के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच शुरु की गई है.
जानकारी के मुताबिक वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार करने पर 3 से 7 साल की सजा का प्रावधान है. जंगलो में वन्य प्राणियों का शिकार होने की अब तक अनेक घटनाएं उजागर हुई है. ऐसे में पोहरा जंगल के पास खाली जगह पर किसी प्राणी के अवशेष बुधवार 19 जून को बरामद हुए. चर्चा यह भी है कि, यह अवशेष राष्ट्रीय पक्षी मोर के है. शिकारी ने उसे पकडकर वहीं चूल्हा जलाकर भूना और वहीं पर उसका मांस खाया. वडाली वनपरिक्षेत्र अधिकारी वर्षा हरणे के दल ने जानकारी मिलने के बाद तत्काल घटनास्थल पहुंचकर वह अवशेष जब्त किए. वर्षा हरणे के साथ वनरक्षक, वाईल्ड लाईफ क्राईम सेल का दल भी था. वन अधिकारियों के दल ने घटनास्थल का पंचनामा कर वह अवशेष विद्यापीठ की प्रयोगशाला में जांच के लिए पहुंचा दिए है. यह अवशेष मोर के ही है, यह कह पाना अभी मुश्किल है, ऐसा वर्षा हरणे ने बताते हुए कहा कि, जहां से अवशेष बरामद हुए है वह जमीन वनविभाग की नहीं है. विद्यापीठ परिसर के पास की वह निजी जमीन है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि, वह अवशेष राष्ट्रीय पक्षी मोर के है अथवा मुर्गी के या फिर किसी अन्य प्राणी के. वनविभाग का दल इस बाबत जांच कर रहा है.
* अवशेष जब्त किए है
पोहरा के पास एक निजी जमीन से कुछ अवशेष वनविभाग के दल जब्त कर उसे जांच के लिए विद्यापीठ प्रयोगशाला भेजे है. वह अवशेष मोर के ही है, यह अभी पता नहीं चल पाया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा. फिर भी जांच जारी है.
– वर्षा हरणे
वनपरिक्षेत्र अधिकारी, वडाली.