बालकों में मैदानी खेल के प्रति दिलचस्पी निर्माण करना जरूरी
अशोक घोरमाडे ने किया मार्गदर्शन
* पी.डी.विद्यालय में ग्रीष्मकालीन शिविर
मोर्शी/दि.16-आज के बदलते दौर में मोबाइल के अधिक इस्तेमाल के कारण बालकों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हो रहा है. बालकों के कोमल मन को मोबाइल से दूर कर मैदानी खेल की तरफ मोडने के लिए सभी स्कूल, महाविद्यालयों में कला, क्रीडा शिविर का आयोजन आवश्यक है, इस आशय का कथन प्रा.अशोकराव घोरमाडे ने किया. स्थानीय पार्वतीबाई धर्माधिकारी विद्यालय में आयोजित ग्रीष्मकालीन बाल व्यक्तिमत्व विकास,कला,क्रीडा व संस्कार शिविर के उद्घाटन अवसर पर वे बोल रहे थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के आजीवन सदस्य तथा सामाजिक कार्यकर्ता अनिल तालुकदार ने की. इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में आजीवन सदस्य तथा पूर्व मुख्याध्यापक विकासराव ठाकरे, पूर्व मुख्याध्यापक अशोक वडस्कर, स्वप्नील आजनकर,न्यू.इंग्लिश हायस्कूल की मुख्याध्यापिका तारकेश्वरी सायर, स्कूल के मुख्याध्यापक श्रीकांत देशमुख, क्रीडा प्रशिक्षक नितेश अंबाडकर उपस्थित थे.
विद्यार्थियों के शारीरिक,मानसिक,सामाजिक,बौद्धिक,नैतिक व आध्यात्मिक विकास की दृष्टी से पी.डी.विद्यालय में 15 से 22 अप्रैल दौरान शिविर आयोजित किया है. शिविर के लिए अनुष्का पवार,नितेश अंबाडकर,ऋतुजा मालोदे,रुपेश नारिंगे,वनिता चोपडे,वांशिका मांडले, समीर श्रीराव आदि तज्ञ मार्गदर्शकों की नियुक्ति की गई है. इस अवसर पर स्कूल की विज्ञान अध्यापिका शुभंगीनी हेडाऊ का इंस्पायर अवॉर्ड अंतर्गत विज्ञान प्रयोग के राज्यस्तरीय स्पर्धा के लिए चयन होने पर उनका शॉल, श्रीफल व स्मृतिचिह्न देकर सत्कार किया गया. कार्यक्रम का संचालन हेडाऊ, बावनकर ने किया. प्रस्तावना श्रीकांत देशमुख ने रखी. आभार दुर्गा पाठक ने माना. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए किरण वरूडकर,ऋतुजा मांडले,वनिता चोपडे,सुनील नागले ने प्रयास किए.