तंबाकू से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी
डॉ.सतीश डहाके ने किया मार्गदर्शन
अमरावती/ दि.31-हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य तंबाकू के उपयोग से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.तम्बाकू दुनिया में सबसे अधिक दुरुपयोग किया जाने वाला पदार्थ है. यह अत्यधिक नशीला होता है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों का अनुमान है कि तंबाकू हर साल 6 मिलियन लोगों की मौत का कारण बनता है, यह जानकारी ह्दयरोग विशेषज्ञ डॉ.सतीश डहाके ने दी. विश्व तंबाकू निषेध दिवस निमित्त डॉ.डहाके ने तंबाकू के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में जानकारी देकर जागरूकता की.
उन्होंने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि, ग्लोबल एडल्ट टोबैको के अनुसार, भारत में लगभग 267 मिलियन वयस्क (15 वर्ष और उससे अधिक) (सभी वयस्कों का 29 प्रतिशत) तंबाकू का उपयोग करते हैं. विश्व तंबाकू निषेध दिवस दुनिया भर में तंबाकू की खपत को नियंत्रित करने का एक प्रयास है. इस अभियान का उद्देश्य लोगों को फेफड़ों के कैंसर, हृदय रोग, श्वसन रोगों और अन्य सहित तंबाकू के उपयोग से जुड़े स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में सूचित करना है, यह इस अभियान का उद्देश्य है. किसानों को तम्बाकू उगाने से रोकने के लिए सरकारों ने ठोस उपाय तैयार करने और लागू करने का आह्वान करता है. यह तंबाकू उत्पादों के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए उच्च कर लगाने की भी वकालत करता है. तंबाकू का उपयोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है, जिनमें फेफड़े का कैंसर, एम्फिसीमा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस कैंसर, विशेष रूप से श्वसन प्रणाली में रक्त कैंसर, हृदय रोग स्ट्रोक, मधुमेह, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली सर्दी, फ्लू और श्वसन संक्रमण जैसे रोग पैदा कर सकती है.