सभी कार्यालयों में महिला शिकायत निवारण समिती होना अनिवार्य
पालकमंत्री Yashomati Thakur ने दिया निर्देश
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अन्यथा कार्यालयों पर लगेगा 50 हजार का दंड
अमरावती/दि.7 – कामकाजवाले स्थानों पर महिला कर्मचारियोें के साथ होनेवाली लैंगिक प्रताडना को रोकने के साथ ही उन्हें संरक्षण देने और लैंगिक अत्याचार से संबंधित मिलनेवाले शिकायतों का निवारण करने हेतु उपलब्ध कानूनों का कडाई के साथ पालन करना अनिवार्य है. इस हेतु सरकारी नियमों के अनुसार सभी सरकारी एवं निजी आस्थापनाओें में महिला शिकायत निवारण समिती स्थापित की जानी चाहिए. इस आशय के निर्देश राज्य की महिला व बालाविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर द्वारा जारी किये गये है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, यदि आस्थापनाओं द्वारा महिला शिकायत निवारण समिती का गठन नहीं किया जाता है, तो संबंधितों के खिलाफ 50 हजार रूपये का दंड लगाया जायेगा.
जिला पालकमंत्री द्वारा निर्देश दिये जाने के बाद कई कार्यालयों में समितियां गठित करने की प्रक्रिया ने रफ्तार पकड ली है, वहीं इस प्रक्रिया की जांच स्वतंत्र रूप से किये जाने की जानकारी विभागीय उपायुक्त द्वारा दी गई है.
बता दें कि, कार्यस्थल पर महिलाओं को लैंगिक प्रताडना से संरक्षण (प्रतिबंध, मनाई व निवारण) अधिनियम सन 2013 में अस्तित्व में आया. महिलाओं का लैंगिक प्रताडना से संरक्षण तथा सम्मान के साथ काम करने के अधिकार हेतु इस कानून में कई प्रावधान किये गये है. साथ ही इस अधिनियम को लेकर राज्य के महिला व बालविकास विभाग द्वारा 19 जून 2014 को सरकारी आदेश जारी किया गया है. जिसके मुताबिक जिस आस्थापना में दस अथवा उससे अधिक कर्मचारी है, ऐसे सभी सरकारी व अर्धसरकारी कार्यालयों सहित सरकार द्वारा स्थापित किये गये अथवा सरकारी नियंत्रण में रहनेवाले महामंडल, आस्थापना, संस्था, संगठन, शाखा, पूर्ण व अंशत: तथा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष निधी प्राप्त करनेवाले स्थानीय प्राधिकरण, सरकारी कंपनी, नगर परिषद, सहकारी संस्था जैसे आस्थापनाओं के साथ ही निजी क्षेत्र के उपक्रम, संस्था, एंटरप्राईजेस, गैर सरकारी संगठन, ट्रस्ट, उत्पादन आपूर्ति वितरण व बिक्री का काम करनेवाले वाणिज्य व्यवसाईक, शिक्षा, मनोरंजन, औद्योगिक, स्वास्थ्य सेवा देनेवाले विभाग, वित्तीय कामकाज करनेवाले यूनिट, सेवा आपूर्तिकर्ता, अस्पताल, क्रीडा संस्था (प्रेक्षागृह/क्रीडा संकुल) आदि स्थानों तथा अधिनियम में परिभाषित किये गये कामों को करनेवाले सरकारी व निजी क्षेत्रवाले सभी कार्यालयों में महिला शिकायत निवारण समिती गठित करना आवश्यक है. कानून की धारा 26 के अनुसार शिकायत समिती गठित नहीं करने पर संबंधित आस्थापना पर 50 हजार रूपये का दंड लगाया जा सकता है. ऐसे में सभी आस्थापनाओं ने अपने कार्यालय अंतर्गत शिकायत निवारण समिती का गठन करते हुए आस्थापना पर होनेवाली दंडात्मक कार्रवाई टाली जानी चाहिए, ऐसा आवाहन पालकमंत्री यशोमति ठाकुर द्वारा किया गया है.