विवेकपूर्ण जीवनशैली हेतु राष्ट्रसंत के विचार अंगीकार करना आवश्यक ः सुधीर मुनगंटीवार
गुरुकुंज में प्रार्थना में वनमंत्री की उपस्थिति
अमरावती/दि.20- दौड़धूप के व स्पर्धा के आज के युग में मनःशांति, तनाव निरसन, विवेकपूर्ण जीवन पद्धति के लिए राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के विचार अंगीकार करना आवश्यक है. इसके लिए ग्रामगीता का नियमित पठन, प्रार्थना व भजन आदि का समावेश अपनी जीवनशैली में होना चाहिए, ऐसा आवाहन वन व सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने किया.
मुनगंटीवार ने आज सवेरे गुरुकुंज मोझरी आश्रमशाला को भेंट देकर प्रार्थना में सहभाग लिया. यहां के सभी तीर्थ कुंड में मंत्री मुनगंटीवार के पिता स्व. सच्चिदानंद मुनगंटीवार की अस्थियों का विसर्जन किया गया. इस समय अ.भा. श्रीगुरुदेव सेवा मंडल के सर्वाधिकारी लक्ष्मणराव गमे, उप सर्वाधिकारी प्रकाश महाराज वाघ, सहसचिव जनार्दन बोथे, सुभाष सोनारे, निवेदिता चौधरी सहित आश्रम के सदस्य व सेवाकरी उपस्थित थे.
शुरुआत में मंत्री मुनगंटीवार ने राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के स्मारक के दर्शन किये. पश्चात उन्होंने सामूहिक प्रार्थना में सहभागी हो ध्यानसाधना की. इस समय मंत्री महोदय ने श्री गुरुदेव जीवन विद्या सुसंस्कार व छंद शिविर एवं श्री गुरुदेव आयुर्वेदिक महाविद्यालय को भेंट दें जांच की. इस शिविर में सहभागी विद्यार्थियों को उन्होंने मार्गदर्शन किया. इस अवसर पर शिविर के विद्यार्थियों द्वारा खंजरी बजाकर हनुमान चालीसा का प्रस्तुतिकरण किया गया.