अमरावतीमहाराष्ट्र

बहुजनों के बेटों को शिक्षा मिलने नई शिक्षा नीति को बर्खास्त करना आवश्यक

शिवाजी शिक्षण संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख का आवाहन

* जिला शिक्षण संस्था की ओर से दिलीप बाबू इंगोले का अभीष्टचिंतन समारोह
* शिव परिवार सहित जिले के हजारो लोगों की उपस्थिति
अमरावती /दि. 8 – आगामी समय में शिक्षा क्षेत्र में बडा बदलाव होनेवाला है. बहुजनों के बेटो को शिक्षण मिलने के लिए नई शिक्षा नीति बर्खास्त करना आवश्यक है. इसके लिए सभी को सतर्क रहने का आवाहन श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने किया. श्री शिवाजी शिक्षण संस्था के कोषाध्यक्ष दिलीप बाबू इंगोले के अभीष्टचिंतन समारोह में अध्यक्षता करते हुए वें बोल रहे थे.
स्थानीय गर्ल्स हाईस्कूल चौक स्थित होटल ग्रैंड महफिल इन के बंधन लॉन पर जिला शिक्षण संस्था संघ जिला अमरावती रजिस्टर नंबर महा 505/2022, महा एफ 29803 द्वारा शिवाजी शिक्षण संस्था के कोषाध्यक्ष दिलीप बाबू इंगोले का अभीष्टचिंतन समारोह आयोजित किया गया था. इस अवसर पर वें बोल रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि, वर्तमान में अच्छे इंसान की आवश्यकता है. शिवाजी शिक्षण संस्था ने भविष्य में जिन्हें सहायता की उन्होंने बाद की अवधि में सहयोग नहीं किया. लेकिन बलवंत वानखडे जैसा अच्छा इंसान आगे आता रहने से संकुचित प्रवृत्ति को हमे सबक सिखाते आएगा, ऐसा विशेष तौर से कहते हुए उन्होंने शिव परिवार के सदस्य को एकजुट होने का आवाहन किया. प्रारंभ में आयोजको की तरफ से दिलीप बाबू इंगोले का सपत्नीक सत्कार किया गया.

* भाऊसाहब के विचारो पर हमें चलना है – यशोमति ठाकुर
इस अवसर पर विधायक यशोमति ठाकुर ने अपना मनोगत व्यक्त करते हुए भाऊसाहब देशमुख व दादासाहब गवई ने जिस तरह कार्य किया, उन्हीं विचारो से हमें आगे जाना है. दिलीप बाबू इंगोले भाऊसाहब के कार्य आगे लेकर जा रहे है. समाज के ऐसे होनहार व्यक्ति के साथ हमें खडा रहना चाहिए, ऐसा संदेश उपस्थितो को दिया. संविधान को बचाने के लिए और लोकतंत्र कायम रखने हम सभी ने बलवंत वानखडे जैसे कार्यकर्ता के साथ खडे रहने का आवाहन भी विधायक यशोमति ठाकुर ने किया.

* दिलीप बाबू का योगदान शिक्षा क्षेत्र को नया आयाम देगा – सुलभा खोडके
इस अवसर पर विधायक सुलभा खोडके ने कहा कि, पिछले पांच साल में वे दिलीप बाबू इंगोले और हर्षवर्धन देशमुख को देखते आ रही है. उनका कार्य प्रशंसनीय है. जिस तरह उन्होंने संस्था का विकास किया, वह शिक्षा क्षेत्र को आगे एक नया आयाम देगा. साथ ही शिक्षा संस्थाओं की समस्या के निवारण के लिए दिलीप बाबू इंगोले का भी सहयोग मिलेगा, ऐसा विश्वास उन्होंने व्यक्त किया.

* दिलीप बाबू का संस्था को योगदान प्रशंसनीय – डॉ. सुनील देशमुख
पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख ने अपने संबोधन में कहा कि, दिलीप बाबू इंगोले नामक रसायन अजब है. वर्ष 2009 में उन्होंने पार्टी से अधिक दोस्ती को महत्व दिया और उस चुनाव में वे उनके साथ रहे. समाज में उनके जैशी विलुप्त हो रही प्रजाति को संभालकर रखना जरुरी है. जिस तरह दिलीप बाबू ने शिवाजी संस्था में अपना योगदान दिया. उसी के कारण इस संस्था के कुछ शिक्षा विभाग को उन्नति का अवसर मिला. जिसमें वैद्यकीय महाविद्यालय का समावेश है. यह कहते हुए उन्होंने दिलीप बाबू इंगोले को दीर्घायु की कामना करते हुए शुभेच्छा दी. इस अवसर पर कीर्ती अर्जुन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए दिलीप बाबू इंगोले को आगामी जीवन के लिए शुभेच्छा दी.

* दिलीप बाबू कुशल संगठक व आदर्श पिता – बलवंत वानखडे
इस अवसर पर कार्यक्रम में विशेष रुप से उपस्थित रहे महाविकास आघाडी के उम्मीदवार बलवंत वानखडे ने श्री शिवाजी शिक्षण संस्था से रहा अपना हिस्सा अपने संबोधन में व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि, दिलीप बाबू इंगोले शानदार प्रशासक, कुशल संगठक और आदर्श पिता है. उन्होंने संस्था के लिए काफी योगदान दिया है. वह भी संस्था को और दिलीप बाबू को हमेशा सहयोग करते आए है. उन्होंने बताया कि, उनके मामा वाकपांजर के कारण उनका संस्था और दिलीप बाबू इंगोले से परिचय हुआ. जनप्रतिनिधि के रुप में संस्था के विविध कार्यक्रमों में उपस्थिति दर्ज करने का अवसर देकर उन्होंने इन संबंधो को और घनिष्ठ बताया और सभी का आभार माना.

* बदलती शिक्षा नीति बडी समस्या – दिलीप बाबू इंगोले
दिलीप बाबू इंगोले ने अपने सत्कार के जवाब देते हुए कहा कि, मै कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं और हमेशा कार्य करता रहूंगा. वर्तमान में जो कांग्रेस की स्थिती है, इन सभी के लिए कांग्रेस के नेता जिम्मेदार है. पार्टी में जो आज कार्यकर्ता है वो पहले भी वही था और आज भी वही है. अब तो डर लगने लगा है कि, सुबह जो नेता के साथ में रहते है शाम को वह इस पार्टी में रहेगा या नहीं, या वह भी पार्टी बदल देगा. 1952 में भाऊसाहब देशमुख ने चुनाव मैदान में उतरकर जीत हासिल की थी. उन्होंने जो विचारधारा स्थापित की थी, वह आज कहीं ना कहीं समाप्त हो चुकी है. हमें किसी भी समस्या का समाधान प्राप्त करना है तो दबाव नीति को अपनाना जरुरी है. वर्तमान में जिस शिक्षा नीति की बातचीत हो रही है. विगत एक वर्ष से मै और हर्षवर्धन देशमुख इस शिक्षा नीति का अध्ययन कर रहे है. जिसमें कई खामियां नजर आने से यह शिक्षा नीति बदली जानी चाहिए, इसके लिए हमें दबाव नीति को अपनाना होगा. वरना आने वाले समय में बडी-बडी संस्थाएं जीवित रहेंगी, लेकिन छोटे-छोटे संगठन और शिक्षण संस्थाएं खत्म हो जाएंगी. अब हम सभी को एकजुट होना जरूरी है.
प्रास्ताविक में कांचनमाला गावंडे ने कार्यक्रम की भूमिका विषद की. साथ ही अतिथियों का परिचय दिया. कार्यक्रम में शिवाजी शिक्षण संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख की अध्यक्षता में महाविकास आघाडी के उमीदवार बलवंत वानखेडे, विधायक एड. यशोमति ठाकुर, सुलभा खोडके, पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख, कीर्ति अर्जुन, संजय खोडके, प्रेरणा इंगोले, ज्ञानेश्वर धाने पाटिल, पूर्व महापौर विलास इंगोले, जिला शिक्षण संस्था संघ अध्यक्ष कांचनमाला गावंडे, प्रवीण दिवे, जगन हरणे, संस्था के कोषाध्यक्ष महेंद्र सिंह सोमवंशी, गणेश राय आदि सहित विविध शिक्षा संस्था के अध्यक्ष, संचालक, पदाधिकारी, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, संगठना के पदाधिकारी, शिवाजी शिक्षण संस्था के आजीवन सभासद, प्राचार्य, मुख्याध्यापक, शिक्षक, कर्मचारी सहित शिव परिवार के नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे.

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