* लोगों से भी ध्यान देने की अपेक्षा
अमरावती/दि.17 – घर खरीदी करने वाले और लैंड डेवलपर के बीच विक्री करार में कोई कोताही ना रहे, इसके लिए महारेरा ने कठोर कदम उठाए है. महारेरा में एक आदेश में स्पष्ट कह दिया कि, निर्धारित और प्रामाणिकृत करार के अनुसार ही खरीदीदार और लैंड डेवलपर के बीच घर विक्री करार किया जाए. ऐसा प्रावधान न रहने वाले प्रकल्प का पंजीयन आवेदन ना मंजूर कर दिया जाएगा. इस बारे में मिल रही शिकायतों की महारेरा ने गंभीर दखल ली. उपरान्त आदेश जारी किए.
* 4 बातों का समावेश
महारेरा ने घर खरीदी करार में 4 बातों का मुख्य रुप से समावेश करने कहा है. जिसके अनुसार प्राकृतिक आपदा, चटई क्षेत्र (एफएसआई), दोष दायित्व की अवधि और हस्तांतरण इन घटकों का करार में होना आवश्यक है. महारेरा ने कहा कि, अन्य प्रावधानों में खरीदीदार की सहमति से बदल किया जा सकता है. किंतु वह बदलाव भी बिल्कुल स्पष्ट रहने चाहिए. दस्तावेजों में उसका प्रमुखता से उल्लेख रखने का हुक्म महारेरा ने दिया है.
* ग्राहकों का हित सर्वोपरि
महारेरा के आदेश में कहा गया कि, घर खरीदी में अन्याय न होने देने के साथ ग्राहकों का हित का जतन किया जाएगा. इसके लिए महारेरा ने विशेष ध्यान दिया है. घर खरीदी में धोखाधडी से बचाव एवं डेवलपर पर अंकुश के लिए कानूनन प्रक्रिया अमल में लाई जाती है. फ्लैट, घर खरीदी करने वाले और विकासक के बीच समझौते में आवश्यक, अनिवार्य घटकों का उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा. समझौते में अनिवार्य घटक का उल्लंघन पाए जाने पर महारेरा उस प्रकल्प का पंजीयन भी ठूकरा सकता है. आदेश में साफ कहा गया कि, रेरा कानून के प्रावधानों का तालमेल समझौते में रहना चाहिए.
* महारेरा ने किया स्पष्ट
महारेरा के प्रेस बयान में बताया गया कि, लैंड डेवलपर को जरुरी कागजात रेरा की वेबसाइट पर अपलोड करना बंधनकारक है. फिर भी अनेक बार गफलत किए जाने के मामले सामने आए है. अत: महारेरा ने दिए गए प्रारुप में अपलोड विक्री करार में अनिवार्य शर्तों का उल्लंघन देखा गया. इसलिए विविध घटकों का विचार कर घर खरीदी करने वालों के हित में महारेरा ने 4 प्रमुख बातों का समावेश करने का मुद्दा अधोरेखित किया है. दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो उपरोक्त चारों घटक का करार में उल्लेख आवश्यक है.