* पेस्ट कंट्रोल की वजह से स्वास्थ्य को हो सकता है खतरा
अमरावती /दि.31– कई घरों में मक्खी, मच्छर, कॉकरोच व दिमक सहित पिस्सू का प्रादुर्भाव होता है. जिनकी वजह से पूरा घर परेशान रहता है. इस पर उपाय के तौर पर इन दिनों पेस्ट कंट्रोल का पर्याय सामने आया है तथा बडे-बडे घरों में पेस्ट कंट्रोल करके देने वालों की काफी बडी संख्या है और लोगबाग भी मक्खी, मच्छर की तकलीफ से मुक्त होने हेतु अपने घरों में पेस्ट कंट्रोल करवा लेते है. परंतु अक्सर लोगबाग पेस्ट कंट्रोल हेतु बुलाए जाने वाले लोगों अथवा एजेंसी के पास इस काम से संबंधित लाईसेंस है अथवा नहीं, इस बात की ओर ध्यान ही नहीं देते. जबकि इस बात की अनदेखी करना भारी पड सकता है. ऐसे में पेस्ट कंट्रोल के लिए आने वाले लोगों के पास वैध लाईसेंस है या नहीं, इसकी सबसे पहले तस्दीक करनी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि, मच्छर और कॉकरोच को सबसे तकलीफदेह किटक माना जाता है. जिनकी अल्पावधी में ही अच्छी खासी फौज तैयार हो जाती है. रात के समय इन किडे मकोडों का उपद्रव बडे पैमाने पर बढ जाता है और ओढने-बिछाने में गहरी नींद सो रहे व्यक्ति को इन किडे-मकोडों द्वारा जमकर सताया जाता है. इन किडे-मकोडों द्वारा कांटे जाने पर त्वचा संबंधित विकार भी हो सकते है. जिसकी वजह से इन किडे-मकोडों की पैदावार को नियंत्रित करने अथवा उन्हें नष्ट करने के लिए किटनाशक दवाओं का प्रयोग किया जाता है.
इस बात के मद्देनजर बाजार में कई तरह के सुरक्षित किटनाशक विक्री हेतु उपलब्ध होते है. साथ ही इन किडे-मकोडों की समस्या से छूटकारा पाने हेतु पेस्ट कंट्रोल भी एक उपाय है. परंतु किटनाशकों व पेस्ट कंट्रोल के कुछ दुष्परिणाम भी होते है. क्योंकि ऐसे किटनाशकों को बढाने में जमकर घातक रसायन का प्रयोग किया जाता है. जिनका घर में छिडकाव करने के बाद कई बार घर में रहने वाले लोगों को श्वसन संबंधित समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पडता है. ऐसे में पेस्ट कंट्रोल करवाने के पश्चात यदि आवश्यक सावधानी व सतर्कता नहीं बरती गई, तो स्वास्थ्य के लिए खतरा भी पैदा हो सकता है.
* पेस्ट कंट्रोल की वजह से छोटे बच्चों व बुजुर्गों को होती है तकलीफ
पेस्ट कंट्रोल की वजह से छोटे बच्चों सहित घर के बुजुर्गों को श्वसन संबंधित तकलीफ हो सकती है. घर में पेस्ट कंट्रोल चलाए जाने के बाद छोटे बच्चों को इससे कुछ समय के लिए दूर रखा जाना चाहिए, अन्यथा उन्हें अस्थमा, एलर्जी तथा सर्दी व खांसी जैसी बीमारियां हो सकती है. साथ ही छोटे बच्चों को उल्टी व जुलाब होने की संभावना रहती है.
* बाजार में सुरक्षित किटनाशक भी उपलब्ध
इन दिनों नये-नये तंत्रज्ञान विकसित हो रहे है. जिसके तहत सर्वत्र हरबल पेस्ट कंट्रोल किया जा रहा है. पानी में मिलाकर प्रयोग मेें लायी जाने वाले उग्र गंधरहित व सुरक्षित किटनाशक भी बाजार में उपलब्ध है. जिनका पेस्ट कंट्रोल के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए.
* पेस्ट कंट्रोल के लिए घातक रसायनों का प्रयोग
पेस्ट कंट्रोल के लिए बोरीक एसीड, कार्बामेटस, सिफ्लुथ्रिन व ग्लायफोसेट जैसे अधिक तीव्रता वाले रासायनिक पदार्थों का प्रयोग किया जाता है. जिनके मिश्रन से पेस्ट कंट्रोल करते समय आवश्यक सतर्कता नहीं बरते जाने के चलते कुछ वर्ष पहले मुंबई कई लोगों की मौत होने की घटना भी घटित हुई है. जिसे ध्यान में रखते हुए पेस्ट कंट्रोल करने वाले लोगों को बुलाने से पहले उनके पास पेस्ट कंट्रोलिंग का वैध लाईसेंस है अथवा नहीं, इसकी जांच जरुर कर लेनी चाहिए.
* स्वास्थ्य के लिए हो सकता है खतरा
पेस्ट कंट्रोल करने वाले लोगों द्वारा घर में किटनाशक दवाओं का छिडकाव किया जाता है. परंतु उन्हें संबंधित घर में रहने वाले लोगों की यह जानकारी नहीं दी जाती कि, किटनाशक दवाओं का छिडकाव करने के बाद कौनसी सावधानी व सतर्कता बरतनी जरुरी है.
* घातक रसायनों से हो सकता है दुष्परिणाम
पेस्ट कंट्रोल में तीव्र रासायनिक पदार्थों का प्रयोग किए जाने के चलते घर में रहने वाले लोगों को श्वास लेने में तकलीफ हो सकती है. साथ ही दिल की धडकनों की रफ्तार कम या अधिक होकर मौत होने का खतरा भी होता है.
* पेस्ट कंट्रोल करने से पहले क्या सावधानी जरुरी?
पेस्ट कंट्रोल करने के बाद घर के कमरों को बंद कर देना चाहिए तथा कुछ घंटों के बाद कमरों के सभी दरवाजे व खिडकियों को खोलना चाहिए. पश्चात पेस्ट कंट्रोल की दुर्गंध खत्म हो जाने के बाद ही घर में प्रवेश करना चाहिए.