अमरावती

बारिश के मौसम दौरान विद्युत उपकरणों की ओर ध्यान देना जरुरी

तेज आंधी-तूफान व मूसलाधार बारिश के समय विद्युत वाहिनी में खराबी आने का प्रमाण बढ जाता है

अमरावती/दि.22 – बारिश का मौसम शुरु होने में अब कुछ ही दिनों का समय शेष है. मानसून का दौर शुरु होने के उपरान्त तेज आंधी-तूफान व मूसलाधार बारिश की वजह से कई स्थानों पर बिजली के तारों में खराबी आने की संभावना रहती है और बार-बार विद्युत आपूर्ति ठप होने का खतरा भी रहता है. ऐसे समय विद्युत दाब के अचानक घटने या बढने अथवा स्वीच बोर्ड में पानी घूस जाने की वजह से विद्युत उपकरणों के खराब होने और शॉर्ट सर्किट होने का खतरा भी बना रहता है. ऐसे में बारिश पानी वाले दिनों में विद्युत उपकरणों की ओर विशेष ध्यान दिए जाने की सख्त जरुरत होती है. साथ ही बारिश वाले दिनों में किसी भी तरह की विद्युत तारों को स्पर्श नहीं करना चाहिए. क्योंकि इसकी वजह से बिजली का करंट लगने का खतरा भी रहता है.
विद्युत उपकरणों को लेकर रहे सतर्क पानी विद्युत वाहक होता है, ऐसे में बारिश के मौसम दरम्यान अपने घर के विशेष कर गैलरी में रखे विद्युत उपकरणों से थोडा दूर ही रहना चाहिए. साथ ही विद्युत आपूर्ति खंडित होने पर महावितरण कार्यालय से संपर्क साधना चाहिए.
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* कौन सी सतर्कता जरुरी
– बारिश के मौसम दरम्यान गिले रहने वाले स्थान पर विद्युत उपकरण को हाथ न लगाए.
– घर में सभी विद्युत उपकरण अच्छी स्थिति में है अथवा नहीं, इसकी जांच करें.
– विद्युत आपूर्ति में किसी भी तरह की गडबडी आने पर मेन स्वीच को तुरंत बंद करें.
* टोल फ्री नंबर पर करें संपर्क
विद्युत आपूर्ति खंडित होने पर महावितरण के टोल फ्री क्रमांक पर संपर्क किया जा सकता है. इसके लिए 1800-212-3435, 1800-233-3435, 1912 तथा 19120 यह टोल फ्री क्रमांक उपलब्ध कराए गए है.
* रजिस्ट्रर्ड नंबर से दर्ज करें शिकायत
महावितरण ने खंडित विद्युत आपूर्ति की शिकायत दर्ज कराने हेतु मिसकॉल की सेवा भी उपलब्ध कराई है. जिसके लिए 022-508-97-100 इस नंबर पर अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से मिसकॉल देते हुए शिकायत कराई जा सकती है.
बारिश के मौसम दौरान तेज आंधी-तूफान की वजह से विद्युत तारों पर पेड की टहनियां गिरने के चलते विद्युत आपूर्ति खंडित होने की संभावना रहती है. ऐसे में बारिश पानी वाले दिनों के दौरान विद्युत उपकरणों को लेकर काफी सतर्कता बरती जानी चाहिए. साथ ही विद्युत तारों को हाथ नहीं लगाया जाना चाहिए.
– आनंद काटकर,
कार्यकारी अभियंता,
महावितरण

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