नन्हें बालको की गतिविधियों पर ध्यान देना आवश्यक
अनदेखी करने पर हो सकता है जान को खतरा
अमरावती /दि. 27– बच्चे जन्म के बाद 5 वर्ष की आयु तक मुंह में क्या डालेगे, इस बात का कोई भरोसा नहीं रहता. इस आयु के बच्चों को बाहर का आकर्षण अधिक रहता है. यह प्रक्रिया शुरु रहते वें आसपास की वस्तुओं की पहचान करने का प्रयास करते है. इसी प्रयास में उनके हाथ लगी प्रत्येक वस्तु मुंह में डालने का प्रयास किया जाता है. यह नैसर्गिक प्रक्रिया रही तो भी इससे बच्चों को बडा खतरा निर्माण हो सकता है. इस कारण इन बालकों पर पालको द्वारा विशेष ध्यान देना आवश्यक है. साथ ही बालकों के पास आसानी से कोई वस्तु मुंह में न जाए इस बात का ध्यान रखना चाहिए.
इर्विन में एक वर्ष में मुंह में सिक्के गिटकने वाले, कान में फल्ली दाने डाले अथवा छोटी वस्तु गिटके करीबन 150 बच्चे उपचार के लिए भर्ती होने की जानकारी अस्पताल प्रशासन ने दी है. इसमें 5 से 6 बच्चों द्वारा गिटके गए सिक्के बाहर निकालने के लिए शस्त्रक्रिया भी करनी पडी, ऐसा डॉक्टरों ने कहा.
जिला सामान्य अस्पताल में जनवरी से दिसंबर 2023 की कालावधि में 150 के करीब बालक उपचार के लिए भर्ती हुए थे. इनमें कुछ बालको ने सिक्के गिटक लिए थे. कुछ बालकों की शस्त्रक्रिया कर सिक्के बाहर निकाले गए. कुछ बालको ने अपने नाक में तो कुछ ने कान में फल्ली दाने, मणी तथा अन्य गोल आकार की वस्तुएं घुसाई रहने से उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में लाया गया था. जबकि कुछ बालक घर में बडे बीमार व्यक्तियों की दवाई तथा उनके लिए लाई गई गोलियां खा ली थी. इस कारण उन्हें भर्ती किया गया था.
* इन वस्तुओं से बच्चों को रखे दूर
कपूर, घडी का सेल, नट, बोल्ट, पीन, सिक्के, बडे व्यक्तियों की दवाई सहित घर के दैनंदिन इस्तेमाल की छोटी-छोटी वस्तुओं से बच्चों को दूर रखना चाहिए. साथ ही उन पर नजर रखना भी आवश्यक है.
* बच्चों पर रखे ध्यान
छोटे बच्चे अपनी आदत के मुताबिक कोई भी वस्तु मुंह में डालते है. कोई वस्तु गले अथवा नाक में अटकने पर उसे काफी परेशानी होती है. ऐसी अवस्था में बच्चो को तत्काल अस्पताल में भर्ती करना चाहिए. हो सकता है, शस्त्रक्रिया करनी पडे. जिला अस्पताल में इस तरह के एक वर्ष में 150 बालक उपचार के लिए भर्ती हुए थे. इसमें कुछ बच्चों की शस्त्रक्रिया कर सिक्के निकालना पडा.
– डॉ. दिलीप सौंदले, सीएस, अमरावती.