अमरावती

ुुप्रतिस्पर्धा के दौर में नैतिकता को प्राथमिकता देना जरुरी

आईआईएमसी में संपादक संवाद कार्यक्रम में वक्ताओं की राय

अमरावती/दि.26-टीवी पत्रकारिता पहले की तुलना में अत्यधिक गतिमान हो गई है. टेक्नालॉजी के आने से दिन-ब-दिन प्रवृत्तियां बदल रही है. पत्रकारिता जगत में आने वाली युवा पीढ़ी को ध्यान रखना चाहिए कि प्रवृत्तियां कितनी भी बदलें, लेकिन नैतिकता खत्म नहीं होनी चाहिए. नैतिकता को हमेशा प्राथमिकता देना बेहद जरुरी है. पाठकों और दर्शकों तक खबरों को खबर की तरह पहुंचाना चाहिए और हमें सामाजिक दायित्वों को कभी नहीं भूलना चाहिए. यह संयुक्त राय वरिष्ठ टीवी संपादकों ने व्यक्त की.
मंगलवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) पश्चिम क्षेत्रीय परिसर अमरावती द्वारा संपादक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. संस्थान के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम का विषय टेलीविजन पत्रकारिता में वर्तमान प्रवृत्तियां था. इसकी अध्यक्षता आईआईएमसी पश्चिम क्षेत्रीय परिसर के निदेशक प्रो. (डॉ.) वीरेंद्र कुमार भारती ने की. इस समय रीजनल टीवी चैनल के संपादक डॉ. चंद्रकांत सोजतिया ने कहा कि किसी भी टीवी चैनल को सफल बनाने में केवल एंकर या फिर रिपोर्टर का ही योगदान नहीं होता, बल्कि उसके पीछे पूरी टीम काम करती है. वहीं एक राष्ट्रीय टीवी चैनल के एसोसिएट एडिटर विशाल पाटिल ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि टेलीविजन पत्रकारिता में कई बदलाव आए हैं. इन बदलावों का प्रमुख कारण टेक्नोलॉजी में लगातार बदलाव होना है. जिस तरह से टीवी चैनलों के बीच स्पर्धा बढ़ रही है, पत्रकारों पर काम का दबाव बढ़ रहा है. इन दबावों को सफलतापूर्वक निपटने वाले पत्रकार ही अपनी जगह बना पाता है. इसके अलावा विशाल पाटिल ने विद्यार्थियों के साथ अपनी पत्रकारिता की यात्रा और इस दौरान सामने आए अनुभवों को भी साझा किया.
अध्यक्षीय उदबोधन में पश्चिम क्षेत्रीय परिसर के निदेशक प्रो. डॉ. वीरेंद्र कुमार भारती ने टीवी पत्रकारिता की यात्रा में आए विविध बदलों के विषय में जानकारी दी. कार्यक्रम में संस्थान के शिक्षक डॉ. राजेश सिंह कुशवाहा, डॉ. विनोद निताले, डॉ. आशीष दुबे, प्रभात कुमार और वरिष्ठ ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म ट्रेनर रमेश चंद्रा, शिक्षकेत्तर कर्मचारी संजय पखोडे, राजेश झोलेकर, भूषण माहोकर, नूर शेख और कोमल इंगले एवं अनंत नांदूरकर उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन निकिता सपकाले व शिवानी उके ने,आभार प्रदर्शन प्रा. अनिल जाधव ने किया. अतिथियों का परिचय कलाश्री नाकोडे एवं काजल जायसवाल ने एवं स्वागत संबोधन पायल शिरवलकर ने दिया.

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