अमरावतीमहाराष्ट्र

चिडिया को बचाना आवश्यक, सभी करें सहयोग

विश्व चिडिया दिवस पर प्रकृति प्रेमियों का आवाहन

अमरावती/दि.20– पोषक वातावरण न होने से पक्षियों की संख्या दिनों दिन घट रही है. चिडिया भी कम हो रही है. जिससे नाना प्रकार की चिंता प्रकृति प्रेमी, पक्षी प्रेमी व्यक्त कर रहे हैं. उनका विश्व चिडिया दिवस के मौके पर आवाहन रहा कि चिडिया को बचाना आवश्यक हैं. यह हम सभी का कर्तव्य है. नहीं तो आनेवाले समय में बच्चों को केवल किस्से कहानियों और पुस्तकों, मोबाइल फोन में ही चिडिया के फोटो दिखाने की नौबत आयेगी. अमरावती में पक्षी प्रेेमियों ने पिछले दिनों गहन अध्ययन किया. उपरांत निष्कर्ष निकाला कि अमरावती में 60 प्रकार के पक्षी है. उनमें चिडिया जिसे गोरैया भी कहा जाता है, कम हो रही है. अमरावती की जैव विविधता के लिए यह आवश्यक है.

* क्या कहते हैं पक्षी प्रेमी
चिडिया व अन्य पक्षियोें के संवर्धन के लिए प्रत्येक नागरिक ने नैतिक जिम्मेदारी निभाना आवश्यक है. जिस तरह गर्भवती स्त्री अपने बच्चे की देखभाल करती है. उसी तरह चिडिया के लिए दानापानी की व्यवस्था अपने आसपास करना आवश्यक है. जिससे चिडियां की संख्या बढेगी. फिर से चिडियों की चहचहाट अपने आसपास होगी. तब छोटे बच्चे को मोबाइल में चिडिया देखने के बजाय सचमुच में चिडिया देखने मिलेगी.
नीलेश कंचनपुरे, अध्यक्ष वॉर.

* क्या कहते है वनाधिकारी
मानवी बस्ती में संभव हो वहां पर वृक्ष तथा कृत्रिम घोसला और मिट्टी के बर्तनोें पानी की व्यवस्था, घर के आंगण में रोज दाना डालना. इस तरह के उपाय करने पर चिडिया की चहचहाहट फिर से सुनाई देगी. वन विभाग की ओर से चिडियां संवर्धन संबंध में जनजागृति की जा रही है. इस तरह पोषक वातावरण निर्माण किया तो चिडिया की संख्या पहले की तरह बढ जायेगी.
– किरण पाटील, विभागीय वनाधिकारी

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