अमरावती

भीड़ रोकना जरूरी

राज्य में कोरोना रूग्णों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब यह जरूरी हो गया है कि लोगों की भीड़ को रोका जाए. सरकार ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए ब्रेक द चेन के नाम से कुछ कडे निर्बंध लागू किए है. बावजूद इसके लोगों की भीड़ सर्वत्र दिखाई दे रही है. इसे रोकने के लिए जरूरी है कि कुछ ठोस कदम उठाए जाए. सरकार ने इस स्थिति को समझते हुए अनेक निर्बंध लागू किए है. लेकिन निर्बंध लागू करने के साथ साथ अनेक कमिया भी सामने आ रही है. जिसके चलते जरूरी है कि योग्य कदम उठाया जाए बीते लॉकडाउन में कुछ विशेष सावधानियां बरती गई थी. जिसके कारण बीमारी पर तेजी से नियंत्रण किया गया. अनलॉक प्रक्रिया के तहत संपूर्ण बाजार आरंभ हो गया था. अब फिर से कोरोना का संक्रमण तीव्र रूप से महसूस हो रहा है. सरकार का कहना है कि यदि लोगों ने सावधानी बरतना आरंभ नहीं किया तो सरकार और भी कडेेेे प्रतिबंध लगा सकती है. यह उचित भी होगा की पहले प्रतिबंध लगाए जाए. निश्चित रूप से इस बीमारी से निपटने के लिए इस तरह की नियमावली जरूरी है. सरकार ने लोगों की सुविधार्थ योग्य चिंतन करें.
सरकार की ओर से जीवनावश्यक वस्तुओं की बिक्री के लिए दिनभर का समय दिया गया है. लेकिन इस काल में अनेक दुकानों में पर्याप्त ग्राहकी नहीं रहती है, ऐसे में कुछ लोग जीवनावश्यक वस्तुएं खरीदने के नाम पर घर से बाहर निकलते है. यदि जीवनावश्यक वस्तुओं का समय सीमित कर दिया जाये तो एक सीमित समय के बाद पूरा शहर सन्नाटे में तब्दील हो सकता है. इससे एक लंबा समय मिल सकता है जिससे वातावरण में सुधार के साथ साथ लोगों पर होनेवाला संक्रमण भी कमजोर हो सकता है. इसलिए प्रशासन लोगों के सुधरने की राह देखने की बजाय एक सीमित समय तक उन्हेे अपने प्रतिष्ठान खोलने की छूट दी जाए. भले ही यह सीमित समय कुछ ही घंटों का हो इससे अनावश्यक भीड़ भी जमा नहीं होगी व लोगों को भी वस्तुएं खरदीने में राहत मिल सकेंगी. बीते लॉकडाउन में अत्यावश्यक सेवा व जीवनावश्यक सेवा के लिए अत्यंत सीमित समय दिया गया था. जिससे जरूरतमंद ग्राहको ने भी समय से पूर्व खरीददारी कर लॉकडाउन को पर्याप्त समर्थन दिया था. इससे प्राकृतिक वातावरण में भी सुधार आया था. यहां तक की मुंबई की सड़को पर कुछ विशेष किस्म के पक्षी विचरण करते हुए दिखाई दिए थे. वाहनों के कारण होनेवाला प्रदूषण थम गया था. निश्चित रूप से एक स्वच्छ वातावरण लोगों ने अनुभव किया था. इस बार कडे निर्बंध अवश्य लागू किए गये है. लेकिन इसमें अनेक जीवनावश्यक सेवाओ को छूट दी गई है. परिणामस्वरूप दिनभर एन केन प्रकारेन गर्दी दिखाई देती है. इसके लिए जरूरी है कि सरकार पूरी तरह बंद रखकर जीवनावश्यक वस्तुओं के लिए सीमित समय तक अनुमति दे सकती है.
कुछ स्थानों पर जीवनावश्यक सेवाओ को बंद करने का यह क्रम भी जारी है. लेकिन इससे जनसामान्य की तकलीफे और बढ़ेगी. यदि सुबह १२ बजे तक आवश्यक वस्तुओं की दुकाने आरंभ रहने की अनुमति दी जाए तो करीब २० घंटे अनावश्यक रूप से वाहनों के जरिए आवाजाही करनेवालों पर रोक लग सकती है. साथ ही वातावरण में भी सुधार हो सकता है. वर्तमान कोरोना संक्रमण में श्वास संबंधी तकलीफ मुख्य कारण है. योग्य वातावरण रहा तो प्राणवायु सहज में हर किसी को उपलब्ध होगी.जिससे बीमारों की संख्या में भी कमी आयेगी. अत: सरकार कडक निर्बंध लगाते समय सीमित समय तक ही जीवनावश्यक वस्तुओं की दुकानों को खुली रहने की अनुमति दे

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