अमरावती

आंगन में लगा पेड तोडने के लिए भी अनुमति लेना जरुरी, अन्यथा कार्रवाई

कई लोगों को नियम की जानकारी ही नहीं, धडल्ले से की जाती है वृक्ष कटाई

अमरावती /दि.20– चाहे घर के आंगन में लगा पेड, या फिर सार्वजनिक स्थानों पर लगा वृक्ष, उसे तोडने अथवा काटने के लिए स्थानीय स्वायत्त निकाय के वृक्ष प्राधिकरण की अनुमति लेनी पडती है. परंतु इस नियम की कई लोगों को जानकारी ही नहीं होती. जिसके चलते धडल्ले के साथ ऐसे पेडों को तोडा व काटा जाता है. विशेष उल्लेखनीय यह है कि, ऐसे मामलों में कार्रवाई का प्रावधान रहने के बावजूद भी किसी के खिलाफ प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती. जिसके चलते सबकुछ ‘ऑल वेल’ रहने का दृश्य दिखाई देता है.

पर्यावरण संवर्धन के लिए स्वायत्त निकाय संस्था के मार्फत प्रयास किये जाते है. जिसके लिए प्रत्येक स्थानीय स्वायत्त संस्था में वृक्ष प्राधिकरण समिति स्थापित की जाती है और यदि किसी भी स्थान पर वृक्ष की कटाई करनी है, तो संबंधित व्यक्ति को इस समिति से अनुमति लेनी पडती है. अन्यथा नगर परिषद या महानगरपालिका द्वारा संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. विशेष यह भी है कि, इस तरह के वृक्षों की कटाई के लिए अनुमति लेना जरुरी है. इससे संबंधित जानकारी व सूची संबंधित अधिकारी व वनक्षेत्र अधिकारी के पास उपलब्ध रहती है. लेकिन इसके बावजूद भी अक्सर यह देखा जाता है कि, किसी भी तरह की अनुमति लिये बिना ही लोगों द्वारा अपने आंगन अथवा घर के पास लगे वृक्षों की कटाई कर दी जाती है और ऐसे मामलों में किसी के भी खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं होती.

* पेड की टहनियां तोडने के लिए भी अनुमति जरुरी
पूरे वृक्ष की कटाई तो दूर, पेड की टहनियों को भी काटने के लिए स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेना बेहद जरुरी होता है. परंतु अक्सर यह पाया जाता है कि, सार्वजनिक स्थानों पर लगे रहने वाले पेडों के संदर्भ में ही ऐसी अनुमति प्राप्त की जाती है.

* किन वजहों के चलते की जा सकती है वृक्ष कटाई?
वृक्ष की कटाई करने की अनुमति प्राप्त करने के लिए समिति को इसकी पुख्ता वजह बतानी होती है. यदि घर के निर्माण में कोई दिक्कत आ रही है अथवा सार्वजनिक स्थान पर लगे पेड की वजह से विकास काम में बाधा पैदा हो रही है, तो ऐसी स्थिति में ही वृक्ष की कटाई करने हेतु अनुमति मांगी जा सकती है.

* कहां मिलती है अनुमति?
महानगरपालिका, नगरपालिका व ग्रामपंचायत में वृक्ष की कटाई हेतु अनुमति मांगने के लिए आवेदन किया जा सकता है. इस हेतु स्थापित की गई वृक्ष प्राधिकरण समिति के समक्ष नियमानुसार आवेदन करना होता है. जहां से अनुमति मिलने के बाद ही वृक्ष की कटाई की जा सकती है.

* नियमों को लेकर अनभिज्ञता
शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के लोगबाग भी इन नियमों को लेकर अनभिज्ञ है. जिसके चलते धडल्ले के साथ वृक्ष कटाई होती है. परंतु ऐसे मामलों में प्रशासन की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती. जिसे लेकर आश्चर्य जताया जा रहा है.

* अपराध दर्ज करने का भी प्रावधान
किसी भी वृक्ष को बिना अनुमति काटने अथवा तोडने तथा उसे लेकर दंड नहीं भरने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ अपराध दर्ज करने का प्रावधान है. इस बारे में स्थानीय स्वायत्त संस्था प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा सकती है.

* प्रकल्पों के लिए ली जाती है अनुमति
किसी रास्ते के निर्माण सहित किसी सरकारी कार्यालय की इमारत को बनाते समय संबंधित स्थल पर स्थित वृक्षों को काटने की अनुमति ली जाती है. परंतु निजी क्षेत्र में लगे वृक्षों को मनमाने ढंग से काट दिया जाता है. जिसके लिए किसी से कोई अनुमति नहीं ली जाती और इसकी ओर प्रशासन का भी कोई ध्यान नहीं होता.

* कैसे करें आवेदन?
वृक्ष प्राधिकरण समिति के नाम पर वृक्ष तोडने को लेकर आवेदन किया जा सकता है. यह आवेदन नगरपालिका, महानगरपालिका व ग्रामपंचायत के क्षेत्र में वन परिक्षेत्र अधिकारी के पास प्रस्तूत कर वृक्ष कटाई हेतु अनुमति प्राप्त की जा सकती है.

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